Advertisment

गोवा में कोरोना से पहली मौत, तमिलनाडु को COVID-19 संक्रमण मामले में दिल्ली ने छोड़ा पीछे

गोवा में सोमवार को कोविड-19 से पहली मौत होने की जानकारी सामने आयी जबकि इस बीमारी से देशभर में मृतक संख्या में रिकार्ड 445 की वृद्धि हुई. वहीं दिल्ली तमिलनाडु को पीछे छोड़कर दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बन गया.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
corona virus

तमिलनाडु को पीछे छोड़कर दिल्ली दूसरा सबसे कोरोना प्रभावित राज्य( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

गोवा में सोमवार को कोविड-19 से पहली मौत होने की जानकारी सामने आयी जबकि इस बीमारी से देशभर में मृतक संख्या में रिकार्ड 445 की वृद्धि हुई. वहीं दिल्ली तमिलनाडु को पीछे छोड़कर दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बन गया, हालांकि प्राधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति धीरे धीरे स्थिर हो रही है. देश में सोमवार को कोविड-19 (COVID-19) के 14,821 मामले सामने आने के बाद घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़कर 4,25,282 हो गई है.

देश में लगातार 11वें दिन 10,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. हालांकि केंद्र ने कहा कि प्रति लाख जनसंख्या में संक्रमण के मामले विश्व में देश में सबसे कम हैं. गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि 85 वर्षीय एक व्यक्ति ने सोमवार को गोवा में कोरोना वायरस से दम तोड़ दिया. यह गोवा में कोविड-19 से होने वाली पहली मौत है. गोवा में कोविड-19 के कुल 818 मामले सामने आये हैं जिनमें से ऐसे मरीजों की संख्या 683 है जिनका अभी इलाज चल रहा है. पहले तीन मामले 25 मार्च को एक ही दिन में सामने आए थे.

कोविड-19 से 445 और मरीजों की मौत 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 से 445 और मरीजों की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 13,699 हो गई है. मंत्रालय ने अपने अपडेट में कहा कि ठीक हुए कुल मरीजों की संख्या 2,37,195 है और इस हिसाब से ठीक होने की दर 55.77 प्रतिशत है. वर्तमान समय में ऐसे मरीजों की संख्या 1,74,387 है जिनका अभी इलाज चल रहा है और ये सभी चिकित्सकीय निगरानी में हैं.

दिल्ली दूसरा सबसे प्रभावित राज्य बना 

इसमें कहा गया है कि ठीक होने वाले मरीजों और उपचार करा रहे कोविड-19 मरीजों की संख्या में अंतर लगातार बढ़ रहा है. ठीक हुए मरीजों की संख्या इलाज करा रहे मरीजों की संख्या से 62,808 अधिक है. 59,000 से अधिक कोविड-19 मामलों के साथ, दिल्ली अब तमिलनाडु से आगे निकलकर महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे अधिक प्रभावित राज्य बन गया है.

इसे भी पढ़ें:जंग की आहट से पहले ही गलवान हिंसक झड़प में ही हार गया चीन, जानें क्यों

दिल्ली में आए 3000 नए मामले

रविवार तक की मृतक संख्या के लिहाज से भी दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित राज्यों की सूची में दूसरे नम्बर पर है जो कि 2175 थी. प्राधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस के 3000 नये मामले सामने आये जिससे कुल मामले बढ़कर 59,746 हो गए. केंद्रीय आंकड़ों के अनुसार तमिलनाडु में मामलों की संख्या 59,377 है जो कि देश में तीसरी सबसे अधिक है.

वहीं मृतक संख्या 757 है

वहीं मृतक संख्या 757 है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं जहां कुल मामले 1,32,075 और मृतक संख्या 6170 है. मुंबई में 21 जून तक मामलों की संख्या 66,488 थी और आशंका है कि दिल्ली के मामले अगले कुछ दिनों में इस शहर के आंकड़े को पार कर जाएंगे. ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीते एक हफ्ते के दौरान अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज कराने वालों की संख्या में सिर्फ एक हजार का इजाफा हुआ है जो इस बात का संकेत है कि कोविड-19 की स्थिति धीरे-धीरे शहर में स्थिर हो रही है.

 15 जून से 21 जून के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के 18,564 केस 

दिल्ली में 15 जून से 21 जून के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के 18,564 मामले सामने आए. इस दौरान 16,790 लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए. केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार घर पर पृथक-वास में रह रहे कोविड-19 मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर देगी और जांच की संख्या तीन गुना बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पूरी तरह ठीक होने के बाद मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर लौटाने होंगे.

ठीक होने की दर अब लगभग 56 प्रतिशत तक पहुंच गई है

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक दिल्ली को कोविड-19 मरीजों के लिये बड़े पैमाने पर बिस्तरों की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि उनमें से अधिकतर ठीक हो गए और राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर मरीजों की संख्या भी कम है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में उच्च जनसंख्या घनत्व के बावजूद प्रति लाख लोगों पर कोविड​​-19 के मामले दुनिया में सबसे कम में से एक हैं, और ठीक होने की दर अब लगभग 56 प्रतिशत तक पहुंच गई है.

एक लाख आबादी पर भारत में कोरोना वायरस के 30.04 मामले

मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ की दिनांक 21 जून की स्थिति रिपोर्ट 153, का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक एक लाख आबादी पर भारत में कोरोना वायरस के 30.04 मामले हैं, जबकि वैश्विक औसत 114.67 है जो कि तीन गुना अधिक है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस प्रकार यह कम आंकड़ा भारत सरकार द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए अपनाये गए चरणबद्ध, सक्रिय रुख का प्रमाण हैं. डब्ल्यूएचओ की स्थिति रिपोर्ट का हवाला देते हुए, उसने कहा कि अमेरिका में प्रति लाख आबादी पर 671.24 मामले हैं, जबकि जर्मनी, स्पेन, ब्राजील और ब्रिटेन में प्रति लाख आबादी पर क्रमशः 583.88, 526.22, 489.42 और 448.86 मामले हैं.

इसमें कहा गया है कि रूस में प्रति लाख लोगों पर 400.82 मामले हैं, जबकि इटली, कनाडा, ईरान और तुर्की में क्रमशः 393.52, 268.98, 242.82 और 223.53 मामले हैं. उधर, केरल में कोविड-19 के 138 नये मामले सामने आये, जो राज्य में एक दिन में आये सर्वाधिक मामले हैं. इन नये मामलों के साथ केरल में कुल संक्रमितों की संख्या 3,308 पहुंच गई.

राज्य में संक्रमण के 100 से अधिक मामले सामने आये

यह लगातार चौथा दिन है, जब राज्य में संक्रमण के 100 से अधिक मामले सामने आये हैं. मामलों की बढ़ती संख्या के साथ, सरकार ने राज्य में चार और क्षेत्रों को हॉटस्पॉट के रूप में घोषित किया है, जिससे अब इसकी कुल संख्या 112 तक हो गई है. देश का पहला कोविड-19 मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बेंगलुरु में कोविड-19 मामलों में वृद्धि पर चिंता जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन इलाकों में लॉकडाउन के उपायों को सख्ती से लागू करें, जहां से संक्रमण के अधिक मामले सामने आए हैं.

राज्य की राजधानी में कोविड​​-19 के 1,272 मामले सामने आ चुके

रविवार शाम तक, राज्य की राजधानी में कोविड​​-19 के 1,272 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 64 मरीजों की मौत हो चुकी है और 411 लोगों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है. रविवार को 196 नये मामले सामने आये हैं. एक अधिकारी ने बताया कि गोवा में सोमवार को कोविड-19 से पहली मौत हुई, जबकि 46 नए मामले सामने आने से राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 864 तक पहुंच गये.

और पढ़ें:चीन सरहद पर बार-बार क्यों दे रहा धोखा, रिटायर्ड सूबेदार मेजर ताशी दोरजे ने बताया कारण

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि सत्तारी तालुका के मोरलेम क्षेत्र के 85 वर्षीय एक व्यक्ति की सोमवार को संक्रमण से मृत्यु हो गई, जिन्हें अस्थमा, मधुमेह जैसी कई पुरानी बीमारी थी. पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 14 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 569 हो गई, जबकि संक्रमण के 413 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़ाकर 14,358 पहुंच गई है.

 हीरे कारखाने के लगभग 300 श्रमिकों को कोरोना वायरस से संक्रमण

स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में कहा गया कि कोविड-19 के जान गंवाने वाले 14 मरीजों में से 12 मरीजों को अन्य बीमारियां भी थी. राज्य में अब 5102 मरीजों का इलाज चल रहा है. चंडीगढ़ में पांच और लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया, जिससे वहां संक्रमितों की संख्या 411 तक पहुंच गई. एक अधिकारी ने बताया कि पिछले 10 दिनों में गुजरात के सूरत शहर में कुछ हीरे कारखाने के लगभग 300 श्रमिकों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है, जिसके बाद उद्योग के संचालन पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं.

तीन मुख्य बाजार सप्ताह में दो दिन बंद रहेंगे

सूरत की नगर आयुक्त बांछानिधि पाणि ने कहा कि नए प्रतिबंधों के मुताबिक, वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर हीरा व्यापार के तीन मुख्य बाजार सप्ताह में दो दिन बंद रहेंगे जबकि हीरा पॉलिश करने वाली सभी इकाइयों की कैंटीन सभी दिन बंद रहेंगी. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को रेलवे के डिब्बे में बने विशेष पृथकवास में रखने वाला पहला राज्य बन गया है. रेलगाड़ी के गैर वातानुकूलित डिब्बों में बदलाव कर तैयार पृथकवास वार्ड मऊ स्टेशन पर स्थापित किया गया है और अब तक कोविड-19 के 59 संदिग्ध मरीज इसमें भर्ती हुए हैं.

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि आठ मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है और 51 संदिग्ध मरीज पृथकवास वार्ड के तौर पर तैयार इन विशेष गैर वातानुकूलित बोगियों में भर्ती हैं जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 20 जून को रेल डिब्बों में बनाए गए पृथकवास वार्ड में 42 मरीजों को जबकि 21 जून को 17 मरीजों को भर्ती किया गया.

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के अब तक करीब 18 हजार मामले सामने आए 

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के अब तक करीब 18 हजार मामले सामने आए हैं, जिनमें से 569 लोगों की मौत हुई है. दवा कंपनियों द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए रेमेडिसिवर और फैवीपिराविर के जेनरिक संस्करण लांच करने/ करने की तैयारी के बीच चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा कि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में यह ‘सकारात्मक कदम’ है लेकिन उन्होंने इन एंटीवायरल दवाओं को ‘गेम चेंजर्स’ कदम मानने को लेकर सावधान किया.

फैबीफ्लू ब्रांड नाम से एंटीवायरल दवा फैवीपिराविर पेश की

दवा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स ने हल्के से मध्यम संक्रमण वाले कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए फैबीफ्लू ब्रांड नाम से एंटीवायरल दवा फैवीपिराविर पेश की है जबकि सिप्ला और हेटेरो को क्रमश ‘सिप्रेमी’ और ‘कोविफोर’ ब्रांड नामों से रेमेडिसिवर को पेश करने के लिए भारतीय दवा महानियंत्रणक से मंजूरी मिल गयी है. सिप्ला ने रविवार को ‘सिप्रेमी’ को लांच करने की घोषणा की. दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेंटर फोर कम्युनिटी मेडिसीन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा कि अब तक कोई प्रभावी उपचार या कोरोना वायरस से लड़ने का टीका नहीं मिला है.

उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ अब तक हमारे पास इस बात का सबूत नहीं है कि कोई खास दवा प्रभावी है इसलिए तब तक हम किसी दवा को पासा पलटने वाला नहीं कह सकते. इन दवाओं को लांच किये जाने के साथ ही भविष्य में यह स्पष्ट होगा कि वे कितनी कारगर होंगी. क्या वे कोविड-19 के उपचार में सहायक भूमिका निभा सकती हैं, यह भी अभी तक ज्ञात नहीं है.’

Source : Bhasha

Coronavirus in India coronavirus coronavirus in delhi
Advertisment
Advertisment
Advertisment