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कोविड मामलों में लापरवाही पर राजनेताओं, अफसरशाहों को दिल्ली HC की फटकार

कोविड मैनेजमेंट से जुडी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली HC ने कहा है कि नौकरशाहो और राजनेताओं के लिए अपनी नाकामायबी या गलती का स्वीकार करना बहुत मुश्किल है. ये उनके स्वभाव में नहीं है, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है, ये हम देख रहे हैं.

Updated on: 19 May 2021, 07:21 PM

highlights

  • कोविड मामलों पर लापरवाही पर दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार
  • अफसरशाहों और नेताओं की लापरवाही पर HC कोर्ट की फटकार
  • ऑक्सीजन की किल्लतों पर केंद्र और दिल्ली सरकार को लगाई थी फटकार

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर से दिल्ली (Corona in Delhi) में हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली के अस्पतालों में कोविड मैनेजमेंट से जुडी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि नौकरशाहो और राजनेताओं के लिए अपनी नाकामायबी या गलती का स्वीकार करना बहुत मुश्किल है. ये उनके स्वभाव में नहीं है, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है, ये हम देख रहे हैं. दिल्ली HC ने ये टिप्पणी डेल्ही ज्यूडिशियल मेंबर्स एसोसिएशन की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए की. अर्जी में न्यायिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों और उनके परिजनों के लिए हर जिले में एक हॉस्पिटल से अटैच्ड, केंद्रीय कोविड केयर सुविधा स्थापित करने की मांग की गई थी.

याचिकाकर्ता की ओर से वकील दयाकृष्णन ने दलील दी कि ज्यूडिशियल अफसरों के लिए अभी की गई व्यवस्था  छलावा भर है. कई  जिलों में स्थापित ऐसी सुविधा को हॉस्पिटल से नहीं जोड़ा गया है. इसके पहले ऑक्सीजन किल्लत की हॉस्पिटल की कॉल पर नोडल अधिकारी के जवाब नहीं देने की शिकायत पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि बार-बार ऐसी शिकायत आने का मतलब है कि कुछ गड़बड़ है.

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ऐसी व्यवस्था बनाने का फायदा क्या, जो हॉस्पिटल को कोर्ट आना पड़े. HC ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि ऑक्सीजन सिलेंडर वेंडर्स ने चीफ सेक्रेटरी के साथ मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि अगर वो आदेश नहीं मान रहे तो उन्हें कस्टडी में लीजिए. आपके पास उनके खिलाफ एक्शन का अधिकार है. इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि आप से स्थिति नहीं संभल रही तो हमें बताइए, हम केंद्र को संभालने के लिए कहेंगे. 

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इसके पहले उच्च न्यायालय ने केंद्र को भी ऑक्सीजन आपूर्ति के मामले पर फटकार लगाई थी. 27 अप्रैल की सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा था कि 20 अप्रैल से ये आवंटन हुआ था. लेकिन आज तक एक भी दिन इतनी सप्लाई दिल्ली को नहीं मिली. अगर 490 टन ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई तो सम्बन्धित अधिकारियों को अगली तारीख पर पेश होना होगा. हम उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई भी चला सकते है. दिल्ली औद्योगिक राज्य है इसके पास अपने टैंकर नहीं होंगे. लेकिन ये सब व्यवस्था करना केन्द्र सरकार की भी जिम्मेदारी है.