logo-image

दिल्ली सरकार ने जारी की तीसरा सीरो सर्वे रिपोर्ट, देखें उम्र के हिसाब से एंटीबॉडी का प्रतिशत

पहला सर्वे आईसीएमआर के साथ मिलकर हुआ था, जिसमें जिलावार सैंपल लिए गए थे. सभी 11 जिलों से सैंपल लिया गया था. दूसरा सर्वे भी इसी तरह हुआ. लेकिन इस बार दिल्ली को हमने 280 भागों में बांटा और वार्ड के स्तर के सैम्पल इकट्ठे किए.

Updated on: 01 Oct 2020, 01:30 PM

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण टेस्ट को लेकर दिल्ली सरकार ने सीरो सर्वे के आंकड़े जारी किए है. जिसमें कहा बताया गया है कि सितंबर महीने में हुए सर्वे में 25.1 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिली है, जबकि अगस्त महीने में हुए सर्वे में 28.7 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिली थी. आपको बता दें कि आज जो सीरो रिपोर्ट जारी हुई है. वह 1 से 5 सितंबर के बीच किया गया था. इस दौरान लोगों के 17 हज़ार सैंपल लिए गए थे. जिनमें 23.9 प्रतिशत पुरुषों में एंटीबॉडी मिली, जबकि 26.1 प्रतिशत महिलाओं में एंटीबॉडी मिली. सीरो सर्वे में 18 साल से कम और 50 साल से ज्यादा वाले लोगों में ज्यादा एंटीबॉडीज मिली है.

यह भी पढ़ें : पटना में बीजेपी नेता 'राजू बाबा' की गोली मारकर हत्या, 2 दिन पहले हुए थे पार्टी में शामिल

उम्र के हिसाब से एंटीबॉडी
18 साल से कम उम्र के 26.7 प्रतिशत
18-49 साल के 24.2 प्रतिशत
50 से ऊपर के 26.3 प्रतिशत लोगों में एंटीबाडी मिली

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि तीसरे चरण के सीरो सर्वे की रिपोर्ट में 25.1 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली है.

यह भी पढ़ें : Bihar Election 2020 : पहले चरण की 71 सीटों पर नामांकन आज से शुरू

जिला वार आंकड़ा
उत्तरी दिल्ली में 24.1 फीसदी
नई दिल्ली में 18.6 फीसदी
उत्तर पश्चिमी दिल्ली 31.8 फीसदी
दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली में 14.6 फीसदी
पश्चिमी दिल्ली में 27.9 फीसदी
दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 27 फीसदी
दक्षिणी दिल्ली में 30.1 फीसदी
शाहदरा में 28.7 फीसदी
पूर्वी दिल्ली में 31.1 फीसदी
उत्तर पूर्वी दिल्ली में 12.2 फीसदी
और सेंट्रल दिल्ली में 21.7 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली है.

पिछली बार की तुलना में क्यों आया अंतर
पहला सर्वे आईसीएमआर के साथ मिलकर हुआ था, जिसमें जिलावार सैंपल लिए गए थे. सभी 11 जिलों से सैंपल लिया गया था. दूसरा सर्वे भी इसी तरह हुआ. लेकिन इस बार दिल्ली को हमने 280 भागों में बांटा और वार्ड के स्तर के सैम्पल इकट्ठे किए. इसी कारण सर्वे की रिपोर्ट में अंतर आया है. इस सर्वे में ज्योग्राफिकल एस्पेक्ट ज्यादा सही तरीके से सामने आया है.

यह भी पढ़ें : रामनाथ कोविंद ने जानिए कैसे तय किया दलित बस्ती से राष्ट्रपति तक का सफर

हर्ड इम्युनिटी
हर्ड इम्युनिटी की बात साइंटिस्ट ही बता पाएंगे. जैसे अभी के 25 फ़ीसदी के हिसाब से देखें, तो दिल्ली हर्ड इम्युनिटी से बहुत दूर है. हर्ड इम्युनिटी के लिए 40 से 60 फ़ीसदी आबादी में एंटीबॉडी जरूरी है.
अगला सर्वे
हम अगले सीरो सर्वे भी वार्ड के स्तर पर ही करेंगे. अगला सर्वे 10-15 दिनों में होगा.