दिल्ली गर्वनमेंट एम्‍प्‍लायज वेलफेयर एसोस‍िएशन का दावा, नहीं मानी गई मांगें तो करेंगे हड़ताल

दिल्ली गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (DGEWA) ने दास कैडर (DASS Cadre) से जुड़े एक सरकारी निर्णय के खिलाफ धरना देने का दावा किया है.

दिल्ली गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (DGEWA) ने दास कैडर (DASS Cadre) से जुड़े एक सरकारी निर्णय के खिलाफ धरना देने का दावा किया है.

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Mohit Bakshi
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दिल्ली न्यूज Photograph: (META AI)

दिल्ली गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (DGEWA) ने दास कैडर (DASS Cadre) से जुड़े एक सरकारी निर्णय के खिलाफ धरना देने का दावा किया है. एसोसिएशन का कहना है कि अगर सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया तो वे सड़कों पर उतरेंगे और भूख हड़ताल करेंगे. 

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क्या है पूरा मामला?

विवाद का केंद्र है राजस्व विभाग में तहसीलदार और सब-रजिस्ट्रार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नई नियुक्ति नीति. अब तक इन पदों पर DASS कैडर के अनुभवी सेक्शन ऑफिसरों की नियुक्ति होती रही है. लेकिन एसोसिएशन का आरोप है कि अब इन पदों पर पटवारी और कानूनगो को बैठाने की तैयारी की जा रही है.  DGEWA के महासचिव उमेश बत्रा ने इसे DASS कैडर के अधिकारियों के साथ गंभीर अन्याय करार दिया है. उनका कहना है कि यह बदलाव न केवल उनके प्रमोशन के अवसर खत्म करेगा, बल्कि अधिकारियों के मनोबल और प्रतिष्ठा पर भी सीधा असर डालेगा।

एसोसिएशन का विरोध क्यों?

बत्रा के मुताबिक, तहसीलदार और सब-रजिस्ट्रार जैसे पद जमीन, संपत्ति पंजीकरण और अन्य राजस्व संबंधी कार्यों से सीधे जुड़े होते हैं. इन पदों पर अनुभव और प्रशासनिक दक्षता बेहद जरूरी होती है, जो DASS कैडर के अधिकारियों के पास होती है. ऐसे में पटवारी और कानूनगो को इन पदों पर बैठाना विभागीय प्रणाली को कमजोर कर सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग ने इस फैसले को अमल में लाने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है और अब यह प्रस्ताव वित्त विभाग की स्वीकृति का इंतजार कर रहा है, 

आगे की रणनीति क्या है? 

DGEWA ने अब विरोध का मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. एसोसिएशन का कहना है कि वे इस मुद्दे पर उपराज्यपाल और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें इस निर्णय के नकारात्मक प्रभावों की जानकारी दी जाएगी.  अगर सरकार ने स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया, तो कर्मचारी भूख हड़ताल और प्रदर्शन करेंगे. बत्रा ने कहा, “हम दिल्ली सचिवालय या उपराज्यपाल कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण भूख हड़ताल करेंगे. हमने पहले भी कर्मचारियों के हित में संघर्ष किया है और इस बार भी पीछे नहीं हटेंगे.”

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