Delhi Flood Ground Report: दिल्ली का हाल बाढ़ से बदहाल, पार पाना मुश्किल

Delhi News: पंपिंग मशीनों के जरिए पानी निकालने की कोशिश जारी है, लेकिन राहत फिलहाल दूर नजर आती है. सुबह के समय ट्रैफिक कम है, लेकिन ऑफिस आवर्स में भारी जाम की स्थिति बनने की आशंका है.

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Yashodhan Sharma
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Delhi News: पंपिंग मशीनों के जरिए पानी निकालने की कोशिश जारी है, लेकिन राहत फिलहाल दूर नजर आती है. सुबह के समय ट्रैफिक कम है, लेकिन ऑफिस आवर्स में भारी जाम की स्थिति बनने की आशंका है.

Delhi Flood Ground Report: दिल्ली और एनसीआर में यमुना का बढ़ता जलस्तर एक बार फिर बड़ी मुसीबत बनकर सामने आया है. बीते कई दिनों से लगातार बारिश और हरियाणा के हतनिकुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने राजधानी को बाढ़ की चपेट में ला दिया है. हालात ऐसे हैं कि दिल्ली के कई निचले इलाके दरिया में तब्दील हो चुके हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है.

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मोनेस्ट्री और यमुना बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित

दिल्ली का मशहूर मोनेस्ट्री मार्केट पूरी तरह पानी में डूब गया है. दुकानों के शटर बंद हैं और बाजार को खाली करा दिया गया है. हालांकि, कई दुकानदार अपने सामान को सुरक्षित नहीं कर पाए. वहीं, यमुना बाजार भी सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में है. यहां रहने वाले लोगों को रिलीफ कैंप तक पहुंचाया गया, लेकिन पानी बढ़ने के कारण राहत कैंप भी डूबने लगे हैं.

निगम बोध घाट पर बाढ़ का असर

निगम बोध घाट की तस्वीरें हालात की गंभीरता बयां कर रही हैं. यहां गेट नंबर-2 से शवयात्रा का रास्ता पूरी तरह डूबा हुआ है. जिस अस्थाई टेंट सिटी को बाढ़ पीड़ितों के लिए तैयार किया गया था, वह भी पानी में समा गई है. आसपास के इलाकों में गंदा पानी भरा हुआ है, जिससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.

 ट्रैफिक जाम की आशंका

बाढ़ का असर केवल यमुना किनारे तक सीमित नहीं है. निगम बोध घाट से लेकर कश्मीरी गेट और बेला रोड तक पानी भर गया है. पंपिंग मशीनों के जरिए पानी निकालने की कोशिश जारी है, लेकिन राहत फिलहाल दूर नजर आती है. सुबह के समय ट्रैफिक कम है, लेकिन ऑफिस आवर्स में भारी जाम की स्थिति बनने की आशंका है.

नोएडा और एनसीआर में भी हालात गंभीर

यमुना का पानी नोएडा तक पहुंच चुका है. सेक्टर-135 और आसपास के फार्महाउस पूरी तरह डूब गए हैं. कई परिवार अपने घरों से निकलकर सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हैं. हालात यह हैं कि बाढ़ से प्रभावित लोग राहत और मदद का इंतजार कर रहे हैं.

हर साल दोहराता है यही संकट

दिल्ली हर मानसून में जलभराव और यमुना की बाढ़ से जूझती है. इस बार भी तस्वीर अलग नहीं है. सवाल यह है कि क्यों हर साल यमुना किनारे बसे इलाके प्रशासनिक लापरवाही और कुप्रबंधन के कारण बाढ़ का शिकार बनते हैं. जब तक स्थायी समाधान नहीं निकलेगा, तब तक यमुना का कहर राजधानी के लिए संकट बना रहेगा.

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