महज 2.5 घंटे में तय होगा दिल्ली से देहरादून का सफर, ट्रायल रन शुरू

Delhi-Dehradun Greenfield Highway: दिल्ली से देहरादून की यात्रा अब और भी सुगम और तेज होने वाली है. दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर ट्रायल रन शुरू हो चुका है और बहुत जल्द यहां गाड़ियां फर्राटे भरेंगी.

Delhi-Dehradun Greenfield Highway: दिल्ली से देहरादून की यात्रा अब और भी सुगम और तेज होने वाली है. दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर ट्रायल रन शुरू हो चुका है और बहुत जल्द यहां गाड़ियां फर्राटे भरेंगी.

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Yashodhan Sharma
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Delhi Dehradun greenfield highway

सांकेतिक तस्वीर Photograph: (NN)

UP News: दिल्ली से देहरादून की यात्रा अब और भी तेज और सुविधाजनक होने जा रही है. दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर ट्रायल रन शुरू हो चुका है, जिसके बाद उम्मीद है कि यह रास्ता लोगों के सफर का समय छह घंटे से घटाकर सिर्फ 2.5 घंटे तक कर देगा. रविवार देर रात दिल्ली के गीता कॉलोनी एंट्री प्वाइंट के पास लगे बैरिकेड्स हटाए गए, जिसके साथ ही 210 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर 10 दिन का ट्रायल रन शुरू हो गया. ट्रायल पूरा होने के बाद तय किया जाएगा कि आम लोगों के लिए इस एक्सप्रेसवे को कब स्थाई रूप से खोला जाए.

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जाम की समस्या से छुटकारा मिलने की उम्मीद  

सूत्रों के अनुसार, संभावना है कि प्रधानमंत्री 15 दिसंबर को इस हाईवे को राष्ट्र को समर्पित कर सकते हैं. यह हाईवे अक्षरधाम से शुरू होकर बागपत, शामली और सहारनपुर होते हुए देहरादून पहुंचेगा. रास्ते में यह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) से खेकड़ा के पास जुड़ता है. इसके शुरू होने से दिल्ली और पश्चिमी यूपी के कई हिस्सों में जाम की समस्या में बड़ी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है.

एलिवेटेड कॉरिडोर है इसका अहम हिस्सा

हाईवे का सबसे अहम हिस्सा इसका एलिवेटेड कॉरिडोर है, जो अक्षरधाम मंदिर से खेकड़ा पाठशाला तक तैयार किया गया है. इस मार्ग का इस्तेमाल करने पर बागपत से दिल्ली की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय हो सकेगी, जबकि अभी इसमें एक से डेढ़ घंटा लग जाता है और यमुना पुश्ते पर लंबे जाम का सामना करना पड़ता है.

क्षेत्रीय विकास को मिलेगी नई रफ्तार

ग्रीनफील्ड हाईवे के तैयार होने से न सिर्फ दिल्ली-देहरादून परिवहन को गति मिलेगी, बल्कि उद्योग, पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश जाने वाले यात्रियों के लिए यह एक्सप्रेसवे एक तेज, सुरक्षित और बेझिझक सफर का विकल्प बनेगा. सरकार का दावा है कि इस हाईवे से ईंधन की खपत में कमी आएगी, लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी और क्षेत्रीय विकास को नई रफ्तार मिलेगी.

कुल मिलाकर, यह परियोजना उत्तर भारत के लिए एक बड़ी सौगात साबित होने जा रही है, जिसका इंतजार अब केवल ट्रायल रन के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद आधिकारिक उद्घाटन का है.

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