Delhi Coronavirus: दिल्लीवासियों के लिए राहत भरी खबर, कम हुए कोरोना के मामले

कोरोना संकट के बीच दिल्लीवासियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. दिल्ली में कोरोना मामलों में कमी देखने को मिली है. राजधानी में संक्रमण दर 2.52 फीसदी के करीब पहुंच गई है.

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Vineeta Mandal
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दिल्ली कोरोनावारस केस

दिल्ली कोरोनावारस केस( Photo Credit : सांकेतिक चित्र)

कोरोना संकट के बीच दिल्लीवासियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. दिल्ली में कोरोना मामलों में कमी देखने को मिली है. राजधानी में संक्रमण दर 2.52 फीसदी के करीब पहुंच गई है. बता दें कि दिल्ली में सोमवार को 1,550 नए मामले सामने आए, जो 27 मार्च के बाद एक दिन में संक्रमण के सबसे कम मामले हैं. इस दौरान 207 मरीजों की मौत हो गयी और यहां संक्रमण दर 2.52 फीसद रही. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को एक बुलेटिन जारी कर इस बात की जानकारी दी. दिल्ली में सोमवार को लगातार दूसरे दिन संक्रमण के नये मामले 2000 के नीचे और 27 मार्च से सबसे कम रहे. शहर में 27 मार्च को कोविड-19 के 1,558 नए मामले सामने आए थे. वहीं रविवार को कोविड-19 के 1,649 नए मामले सामने आए थे जबकि 189 मरीजों की मौत हुई थी. उस दिन संक्रमण दर घटकर 2.42 फीसद तक आ गयी थी.

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वैक्सीन को लेकर दिल्ली सरकार का बयान

आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से वैक्सीन की खरीद में कथित देरी के लिए जमकर आलोचना की. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को एक डिजिटल ब्रीफिंग के दौरान कहा कि कोविड के टीके बनाने वाली अमेरिकी दवा कंपनियों - फाइजर और मॉडर्ना ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रत्यक्ष रूप से यानी सीधे तौर पर दिल्ली को वैक्सीन नहीं बेचेंगे.

सिसोदिया, जो दिल्ली में कोविड प्रबंधन के नोडल मंत्री भी हैं, उन्होंने कहा, हमने टीकों के लिए फाइजर और मॉडर्ना से बात की है और दोनों ही प्रोड्यूसर्स ने हमें सीधे तौर पर टीके बेचने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वे केंद्र सरकार के साथ ही डील करेंगे. हम केंद्र से टीके आयात करने और राज्यों को वितरित करने की अपील करते हैं.

यह घटनाक्रम एक दिन बाद आया है, जब पंजाब ने कहा था कि मॉडर्ना ने सीधे तौर पर राज्य को टीके बेचने से इनकार कर दिया है. अधिकारियों के अनुसार, सीधी खरीद की तलाश में अमरिंदर सिंह सरकार ने ऐसे सभी प्रोड्यूरसर्स तक पहुंच सुनिश्चित की थी.

मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए सभी 400 टीकाकरण केंद्र वैक्सीन की कमी के कारण बंद हो गए हैं. वहीं, 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए कोवैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से कई सेंटरों को बंद करना पड़ा है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन सबसे कारगर और अंतिम हथियार है. सारी दुनिया में वैक्सीन को लेकर पॉजिटिव माहौल है और बहुत सिद्दत से वहां की सरकारें वैक्सीन बनवाने, खरीदने में जुटी हुई है. दिल्ली सरकार ने भी अपने सभी नागरिकों को वैक्सीन लगवाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी शुरू की थी. इसके लिए दिल्ली में 400 सेंटर युवाओं के लिए बनाए गए और 650 सेंटर 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए बनाए गए.

सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार की बदइंतजामी ही वजह से युवाओं के सारे सेंटर बंद हो गए. कोवैक्सीन वाले 45 साल से ऊपर के लोगों के सेंटर भी बंद हुए. वैक्सीन की उपलब्धता के लिए पूरी तरह केंद्र सरकार जिम्मेदार है. आज देश जो कोरोना की मार झेल रहा है तो इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार है. केंद्र ने वैक्सीन की उपलब्धता पर कभी भी काम नहीं किया.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को वैक्सीन के लिए वैश्विक टेंडर निकालने को कहा. हमारी सरकार ने जब जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना और फाइजर से बात की तो मॉडर्ना और फाइजर ने कहा कि वह केवल केंद्र सरकार से बात करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पूरी दुनिया ने इन कंपनियों को अपने यहां मंजूरी दे दी है और भारत सरकार ने इन कंपनियों को अपने यहां मंजूरी नहीं दी है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा, टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प है जो लोगों को कोविड-19 के प्रसार से बचा सकता है और मैं केंद्र से टीके की खरीद में देरी नहीं करने का आग्रह करना चाहता हूं.

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