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Delhi pollution ( Photo Credit : File Photo)
केंद्र के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्यों और स्थानीय निकायों को तापमान और हवा की गति में गिरावट के कारण नई दिल्ली की बिगड़ती धुंध की स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसीउपायों के लिए पूरी तैयारी करने का आदेश दिया है. दिल्ली में जहरीली धुंध की घनी धुंध छाई हुई है जो आसपास के खेतों में पराली जलने से और तेज हो गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट शनिवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करेगा. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, प्रदूषण की वजह से दृश्यता कम हो गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पैमाने पर 470 पर पहुंच गया है.
प्रदूषण के इस स्तर का मतलब है कि हवा स्वस्थ लोगों को प्रभावित करेगी और बीमारियों से ग्रस्त लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी. प्रदूषण बोर्ड की "ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान" के अनुसार, वायु गुणवत्ता गंभीर बनी हुई है. आगे भी वायु की गुणवत्ता में सुधार देखने को नहीं मिलेगी. शुक्रवार की देर रात जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि प्रदूषण की इस स्थिति को देखते हुए राज्यों और स्थानीय निकायों को इमरजेंसी उपायों को लागू करने के लिए प्रेरित करना चाहिए जिसमें स्कूलों को बंद करना, निजी कारों पर 'ऑड-ईवन' प्रतिबंध लगाना शामिल है. इसके अलावा सभी निर्माण को तत्काल प्रभाव से रोकना होगा.
बोर्ड ने कहा कि सरकारी और निजी कार्यालयों को निजी परिवहन के उपयोग में 30% की कमी करनी चाहिए और शहर के लोगों को बाहरी जोखिम को सीमित करने की सलाह दी है. बोर्ड ने कहा, 18 नवंबर तक बढ़ते प्रदूषण की वजह से मौसम की स्थिति बेहद प्रतिकूल रहेगी. इस सप्ताह की शुरुआत में स्थानीय अधिकारियों ने ईंट-भट्ठों को बंद करने का आदेश दिया था.
दिल्ली में AQI 550
दिल्ली का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. दिल्ली में AQI 550 जबकि नोएडा में यह 772 दर्ज किया गया है. वहीं हवा की गति 7 किलोमीटर प्रति घंटे से कम आंकी गई है. दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण वाहन हैं जिसकी वजह से यहां 50% प्रदूषण इसकी वजह से है जबकि 26 से 40% के करीब पराली जलाने की वजह से प्रदूषण फैलता है.
आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट शनिवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करेगा. कोर्ट ने केंद्र को प्रदूषण पर नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था और दिल्ली सरकार से उसके द्वारा उठाए गए कदमों पर जवाब मांगा था. कोर्ट ने राज्य सरकार से एक हलफनामा दाखिल करने और केंद्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सरकारों को प्रतियां देने को कहा था. अदालत के यह निर्देश 28 अक्टूबर को दिल्ली के 17 वर्षीय छात्र आदित्य दुबे की याचिका पर आए थे, जिन्होंने वायु प्रदूषण पर सरकार की गैर-गंभीरता और निष्क्रियता का आरोप लगाया था.
HIGHLIGHTS
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इमरजेंसी उपायों के लिए तैयारी का आदेश दिया
- प्रदूषण की वजह से दिल्ली एनसीआर में फिर हुई दृश्यता कम
- चारों तरफ धुंध, जल्द ही सरकार उठा सकती है कुछ ठोस कदम