Delhi: DTC की CAG की रिपोर्ट सदन के पटल में रखी गई तो मचा हंगामा, इस तरह हुआ घाटे पर घाटा

Delhi CAG report of DTC: DTC पिछले कई वर्षों से लगातार नुकसान झेल रहा है लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस व्यापार योजना या दृष्टि दस्तावेज नहीं बनाया गया. इसी को लेकर कैग र‍िपोर्ट पेश हुई तो हंगामा मच गया.

Delhi CAG report of DTC: DTC पिछले कई वर्षों से लगातार नुकसान झेल रहा है लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस व्यापार योजना या दृष्टि दस्तावेज नहीं बनाया गया. इसी को लेकर कैग र‍िपोर्ट पेश हुई तो हंगामा मच गया.

author-image
Shyam Sundar Goyal
New Update
Delhi CAG report

Delhi: DTC की CAG की रिपोर्ट सदन के पटल में रखी गई तो मचा हंगामा, इस तरह हुआ घाटे पर घाटा Photograph: (social Media )

CAG report of DTC: दिल्ली परिवहन निगम (DTC) ऑडिट में कई गंभीर खामियां उजागर हुई हैं, जो इस निगम की बिगड़ती स्थिति को दर्शाती हैं. आज द‍िल्‍ली की व‍िधानसभा में कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की दिल्ली परिवहन निगम (DTC) पर र‍िपोर्ट पेश हुई तो समझ में आया क‍ि आख‍िर वह घाटे में कैसे चली गई. 

Advertisment

दरअसल, DTC पिछले कई वर्षों से लगातार नुकसान झेल रहा है लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस व्यापार योजना या दृष्टि दस्तावेज नहीं बनाया गया. सरकार के साथ कोई समझौता ज्ञापन (MoU) भी नहीं हुआ, जिससे वित्तीय और परिचालन लक्ष्यों को तय किया जा सके. अन्य राज्य परिवहन निगमों (STUs) के साथ प्रदर्शन की तुलना भी नहीं की गई.

2015-16 में निगम के पास 4,344 बसें थीं जो 2022-23 तक घटकर 3,937 रह गईं जबकि सरकार से आर्थिक सहायता उपलब्ध थी. फिर भी निगम केवल 300 इलेक्ट्रिक बसें ही खरीद सका. बसों की आपूर्ति में देरी के लिए 29.86 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूल नहीं किया गया.

पुरानी बसों और परिचालन की गिरती गुणवत्ता

DTC के बेड़े में पुरानी बसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 2015-16 में जहां केवल 0.13 फीसदी बसें ओवरएज (अधिवर्षीय) थीं. वहीं, यह आंकड़ा 2023 तक बढ़कर 44.96 फीसदी हो गया. नए बसों की खरीदारी नहीं होने से परिचालन क्षमता प्रभावित हो रही है. बसों की उपलब्धता और उनकी दैनिक उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से कम रही. निगम की बसें प्रतिदिन औसतन 180 से 201 किलोमीटर ही चल सकीं जो निर्धारित लक्ष्य (189-200 किमी) से कम था. बसों के बार-बार खराब होने और रूट प्लानिंग में खामियों के कारण 2015-22 के बीच 668.60 करोड़ रुपये का संभावित राजस्व नुकसान हुआ.

राजस्व स्रोतों का कमजोर प्रबंधन

ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, DTC ने किराया निर्धारण की स्वतंत्रता नहीं होने के कारण अपना परिचालन खर्च भी नहीं निकाला. दिल्ली सरकार 2009 के बाद से बस किराये में कोई वृद्धि नहीं कर पाई, जिससे निगम की आय प्रभावित हुई.विज्ञापन अनुबंधों में देरी और डिपो की खाली जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल न करने से भी निगम को संभावित राजस्व का नुकसान हुआ.इसके अलावा, 225.31 करोड़ रुपये सरकार से विभिन्न मदों में वसूलने बाकी हैं.

तकनीकी परियोजनाओं की विफलता

DTC की कई तकनीकी परियोजनाएं भी निष्प्रभावी साबित हुईं. स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली (AFCS) 2017 में लागू की गई थी, लेकिन 2020 से यह निष्क्रिय पड़ी है. 2021 में 52.45 करोड़ रुपये खर्च कर बसों में लगाए गए CCTV कैमरे भी अब तक पूरी तरह से चालू नहीं हो सके.

प्रबंधन और आंतरिक नियंत्रण की विफलता

DTC में प्रबंधन और आंतरिक नियंत्रण की भारी कमी देखी गई. स्टाफ की सही संख्या तय करने की कोई नीति नहीं बनाई गई, जिससे चालक, तकनीशियन और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भारी कमी रही, जबकि कंडक्टरों की संख्या आवश्यकता से अधिक पाई गई.

बीजेपी ने भी साधा न‍िशाना 

इस र‍िपोर्ट पर बीजेपी व‍िधायक डॉ. अन‍िल गोयल ने कहा क‍ि डीटीसी पर पेश हुई कैग रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि डीटीसी में कितना भ्रष्टाचार हुआ है. हमारी सरकार डीटीसी को एक साल के अंदर घाटे से बाहर निकाल देगी.

ये भी पढ़ें:कर्नाटक के मुस्लिम आरक्षण को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा, बीजेपी ने घेरा तो कांग्रेस ने दिया जवाब

Delhi News DTC Bus DTC Delhi news in hindi Delhi DTC Bus CAG report Delhi news latest Delhi News Live Updates CAG Report on Delhi Government Delhi News Today delhi news today in hindi CAG reports
      
Advertisment