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Delhi Blast (File)
Delhi Blast: दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाके के बाद से जांच एजेंसियां लगातार अपनी जांच में जुटी हुई हैं. कई जगहों पर छापेमारी हुई है.अब एक और नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि संगठन हमास के सदस्यों से संपर्क साधने का प्रयास कर रहा था. जांच में सामने आया है कि मॉड्यूल के सदस्य इजराइल में हमास की ओर से किए हमले की तरह भारत में किसी बड़े हमले की प्लानिंग में जुटे थे. आपको बता दें कि सात अक्टूबर 2023 में फिलस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर बर्बर हमला किया था. इस अटैक में 1,195 इजराइली और विदेशी नागरिकों की मौत हो गई थी. वहीं 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था. इसमें विदेशी मूल के लोग भी थे. फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल में भी तरह के हमले की योजना को बनाया जा रहा था.
हमास के पैटर्न को समझने की कोशिश
मॉड्यूल के सदस्यों ने हमास के पैटर्न को समझने के लिए काफी अघ्ययन ​किया. मगर बड़े हमले के लिए उन्हें मदद की जरूरत थी. इसके कारण वे हमास के विशेषज्ञों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश में लगे थे. पाकिस्तान इस बैठक को कराने की कोशिश कर रहा था, मगर इजरायल से चल रहे युद्ध के कारण वे संपर्क नहीं कर सके. हमास के सदस्यों का पाकिस्तान आना जाना लगा रहता है. वहां के आतंकी संगठनों से समन्वय करते हैं. हमास इजराइल के साथ हो रहे युद्ध में व्यस्त होने के कारण संपर्क नहीं कर पाया.
आईएसआई की सहायता लेने का निर्णय लिया
फरीदाबाद मॉड्यूल का सदस्य जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश इस पूरे ऑपरेशन का प्रमुख सदस्य था. उसका कहना था कि सरप्राइज ड्रोन हमले को सटीक बनाने के लिए हमास के विशेषज्ञों से बातचीत जरूरी थी. एक अन्य अधिकारी ने जानकारी दी कि आईएसआई की सहायता लेने का निर्णय किया गया था. ऐसी बैठक होने से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने मॉड्यूल को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया.
एक पूर्व नर्सिंग स्टाफ ने किया बड़ा खुलासा
दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े एक और खुलासे में नई बात सामने आई है. इसमें आतंकी मॉड्यूल का सेंटर पॉइंट बनी फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी को लेकर यहां के एक पूर्व नर्सिंग स्टाफ ने बड़ा खुलासा किया. कर्मचारियों का दावा है कि यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में रोजाना 100 से लेकर 150 तक नकली मरीजों की फाइलों तैयार करवाया जाता था. यह काम आतंकी डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. उमर नबी के कहने पर होता था. अगर कर्मचारी ऐसा नहीं करता था तो उसकी सैलरी को काट लिया जाता था.
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