केरल में 2017 में उत्पीड़न का शिकार पीड़ित अभिनेत्री ने मंगलवार को उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि वह मामले की आगे की जांच का विरोध करने वाली अभिनेता दिलीप की याचिका के संबंध में उनका पक्ष भी सुने. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है. पीड़िता की ओर से पक्षकार बनाने के लिए दायर याचिका के मद्देनजर उच्च न्यायालय ने मामले को 21 फरवरी तक स्थगित कर दिया. अभिनेता ने मामले में आगे की तफ्तीश के खिलाफ याचिका दायर की हुई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में सुनवाई में विलंब करने के लिए जान-बूझ कर कोशिश की जा रही है.
अधिवक्ता फिलीप टी वर्गिस और थॉमस टी वर्गिस के जरिए दायर याचिका में अभिनेता ने कहा कि इस मामले में आगे की छानबीन की इजाजत नहीं दी जा सकती है, क्योंकि नवंबर 2017 में ही अंतिम रिपोर्ट दायर कर दी गई थी और जनवरी 2020 में आरोप तय कर दिए गए थे. अभियोजन के एक गवाह का परीक्षण करना रहता है जो एक जांच अधिकारी है.
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याचिका में आरोप लगाया गया है कि आगे की जांच के नाम पर पुलिस बदलना लेने वाले कार्य कर रही है. इसमें निचली अदालत में पुलिस की ओर से दायर रिपोर्ट को खारिज करने का आग्रह किया गया है जिसमें कथित रूप से बालचंद्र कुमार का बयान शामिल है. कुमार ने अभिनेत्री हमला मामले में हाल में दिलीप के खिलाफ चौकाने वाले खुलासे किए हैं. उन्होंने दावा किया था कि इस बात के सबूत हैं कि दिलीप ने गवाहों को प्रभावित किया है.
अभिनेत्री-पीड़िता तमिल, तेलुगू और मलयालम फिल्मों में काम करती है. उन्हें 17 फरवरी 2017 की रात को उन्हीं की कार में अगवा कर लिया गया था तथा उनका यौन उत्पीड़न किया गया था. पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद किया गया था ताकि अभिनेत्री को ब्लैकमेल किया जा सके. इस मामले में 10 आरोपी हैं और पुलिस ने सात को गिरफ्तार किया था. दिलीप को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.