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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम को रद्द करने की याचिका पर अदालत ने आप सरकार से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के गैर कानूनी होने का दावा करने वाली और इसके अध्यक्ष को पद से हटाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर आप सरकार से जवाब मांगा है.

Updated on: 20 May 2020, 02:19 PM

दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम (Delhi Minority Commission Act) के गैर कानूनी होने का दावा करने वाली और इसके अध्यक्ष को पद से हटाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर आप सरकार से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने दिल्ली सरकार (Delhi Govt) और उपराज्यपाल के दफ्तर से कहा कि वह याचिका में लगाए गए आरोपों पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें और मामले को अगली सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध कर दिया.

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उपराज्यपाल दफ्तर की ओर से पेश हुए दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता अनुपम श्रीवास्तव ने अदालत ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष जफर-उल-इस्लाम खान को पद से हटाने की मांग करने वाली एक अन्य याचिका पर एकल न्यायाधीश ने 11 मई को प्रशासन से मुद्दे पर तेजी से फैसला करने को कहा था, क्योंकि उनका कार्यकाल 14 जुलाई को खत्म हो रहा है.

नई याचिका सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम गहलोत ने दायर की है. इसमें दलील दी गई है कि दिल्ली विधानसभा को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम बनाने की शक्ति नहीं है. इसलिए इसे रद्द किया जाए.

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गहलोत ने यह भी दावा किया है कि अधिनियम के वैध नहीं होने की वजह से इसके तहत की गई नियुक्तियां भी अवैध हैं, जिनमें अध्यक्ष की नियुक्ति भी शामिल है.