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CoronaVirus: दिल्ली सरकार की तरफ से बढ़ाए गए 400 कोरोना बेड

भारत में 24 घंटे में कोरोनावायरस (Coronavirus Covid-19) के 83,347 नए मामले सामने आने के साथ बुधवार को कुल मामलों की संख्या 56 लाख को पार कर गई. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

Updated on: 23 Sep 2020, 12:37 PM

नई दिल्ली:

भारत में 24 घंटे में कोरोनावायरस (Coronavirus Covid-19) के 83,347 नए मामले सामने आने के साथ बुधवार को कुल मामलों की संख्या 56 लाख को पार कर गई. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह जानकारी दी. कोरोना से 1,085 नई मौतें होने के साथ मरने वालों की कुल संख्या 90,020 तक पहुंच गईं, वहीं देश में इस बीमारी के कुल मामलों की संख्या 56,46,010 हो गई है.

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वहीं मंगलवार को दिल्ली में कोरोना के 3816 नए मामले सामने आए हैं. राज्य में  पॉजिटिविटी रेशियो जनवरी से लेकर आज तक 9.5% पर आ चुकी है. पहले 12 या 13% होती थी. लेकिन अब कोरोना मामले में सुधार देखने को मिल रहा है.

दिल्ली में कोरोना  का Ration 7% हो चुका है. 15804 बेड अस्पताल में हैं जिसमे 7051 occupied हैं, जो कि 50% से भी कम हैं. कुछ प्राइवेट अस्पताल में बेड्स की ICU में खासतौर पर दिक्कत आ रही है, क्योंकि कुछ लोग जो बाहर से आते हैं वो सोच कर आते हैं कि उन्हें किस अस्पताल में जाना है.

दिल्ली सरकार लगातार मौके के हिसाब से कदम उठा रही है. कुछ अस्पताल को पूरी तरह से कोविड बनाया गया है. वहीं दिल्ली सरकार ने अपनी तरफ से 5-6 हज़ार बेड कोविड के लिए दिए हैं. अभी पिछले 10 दिन में लगभग 1500 बेड बढ़ाये गए है. दिल्ली सरकार की तरफ से 400 बेड बढ़ाये गए हैं.

अभी दिल्ली में ऑक्सिजन की दिक्कत नहीं है. अभी 6-7 दिन की ऑक्सिजन का स्टॉक है.  दिल्ली मेंऑक्सीजन की कमी नहीं कह सकते लेकिन कुछ सप्लायर्स को राजस्थान में कहा गया है कि पहले वो राजस्थान में सप्लाई करेंगे. दिल्ली में ऑक्सिजन यूपी और राजस्थान से आती है क्योंकि प्लांट्स बड़े एरिया में लगते हैं.

कोरोना के साथ डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ने पर तैयारियां

डेंगू और मलेरिया के लिए पूरा अभियान चलाया गया है. 10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट, जो पिछले साल भी काफी सफल रहा था और इस साल भी काफी सफल है. अभी तक दिल्ली के अंदर पिछले साल से कम मामले आए हैं. एक या दो केस अभी तक आये हैं जिसमें कोरोना और डेंगू दोनो हो मरीज को. अभी कोरोना वार्ड की ज़रूरत है, वहीं डेंगू वार्ड की ज़रूरत 2015 में पड़ी थी.