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Coronavirus (Covid-19): कोरोना मरीजों के शवों की दुर्दशा पर दिल्ली HC ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की

Coronavirus (Covid-19): चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने दिल्ली सरकार से 2 जून तक स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है.

Updated on: 29 May 2020, 01:24 PM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): कोरोना के चलते जान गवांने वाले लोगों के शव की एलएनजेपी अस्पताल में दुर्दशा और श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार की सुविधा न होने से जुड़े मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने सरकार से 2 जून तक स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है. कल जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने इस मामले को लेकर हुई मीडिया रिपोर्ट्स पर संज्ञान लेते हुए इस मसले को चीफ जस्टिस डी एन पटेल के पास दिशा निर्देश देने के लिए भेजा था.

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दिल्ली सरकार का कोर्ट में जवाब
आज जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल ने इस मामले को लेकर सुनवाई की. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली में अचानक से कोरोना केस बढ़ने और इसके चलते मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते ऐसी स्थिति पैदा हो गई है. इसके अलावा भट्टियों में कुछ गड़बड़ी के चलते निगमबोध घाट की सामर्थ्य कम हुई है. घाट पर मौजूद कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव लोगों के शव को लेने से इंकार कर रहे हैं और यहां तक कि रिश्तेदार भी कोरोना संक्रमण के डर से शवों पर दावा करने से कतरा रहे हैं.

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दिल्ली सरकार की ओर से बताया गया कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वो ये कदम उठा रही है-

  • एलएनजेपी अस्पताल से कहा गया है कि शवों को निगमबोध घाट ही भेजने के बजाए पंचकुइया और पंजाब बाग के शवदाह गृह पर भी भेजे जाए
  • श्मशान घाट पर कर्मचारियों के काम के समय को बढ़ाकर सुबह 7 से शाम 10 बजे तक कर दिया है। पहले उनके काम का समय 9 बजे से शाम 4 बजे तक का था
  • सभी कर्मचारियों को PPE किट उपलब्ध कराई गई है
  • इलेक्ट्रिक और सीएनजी के साथ साथ साथ लकड़ी से अंतिम संस्कार के परंपरागत तरीके की भी इजाजत दी गई है
  • 28 शवों का अंतिम संस्कार 28 मई को किया गया। बाकी 35 शवों का 30 मई तक अंतिम संस्कार हो जाएगा. सिर्फ उन्ही शवो को रखा जाएगा जिनकी जांच या पोस्टमार्टम होना बाकी है

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कोर्ट ने संज्ञान क्यों लिया था
कल जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने इस मामले को लेकर हुई मीडिया रिपोर्ट्स पर संज्ञान लिया था।रिपोर्ट के मुताबिक LNJP अस्पताल में सिर्फ 80 शवो को रखने की जगह है. बाकी 28 शव एक दूसरे के ऊपर रखे है, श्मशान घाट पर सभी भट्टियों के न चलने के चलते 5 दिन पहले मौत का शिकार हो चुके लोगों का भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. कोर्ट ने इस पर दिल्ली सरकार वकीलो को आज होने वाली सुनवाई में मौजूद रहने को कहा था.