सोशल मीडिया पर फेक न्यूज से टूट रहा कोरोना वॉरियर का मनोबल

58 वर्षीय डॉक्टर ललिता चौधरी ने ही लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में 18 मार्च को अपनी टीम के साथ आईसीयू का सेटअप किया. डॉक्टर चौधरी के मुताबिक 24 मार्च को 10 वर्षीय पहला पेशेंट आया था. तब से अब हजारों मरीज ठीक होकर जा चुके हैं.

58 वर्षीय डॉक्टर ललिता चौधरी ने ही लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में 18 मार्च को अपनी टीम के साथ आईसीयू का सेटअप किया. डॉक्टर चौधरी के मुताबिक 24 मार्च को 10 वर्षीय पहला पेशेंट आया था. तब से अब हजारों मरीज ठीक होकर जा चुके हैं.

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Kuldeep Singh
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डॉ. ललिता चौधरी( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कोरोना वायरस (Corona Virus) से जुड़ी नकारात्मक खबरों के बीच आपको एक ऐसी शख्सियत से मिलवाते है जो कि फ्रंट लाइन वॉरियर है और कोरोनो के मरीजों के बीच रह कर कोरोनो के खिलाफ लड़ाई  लड़ रही है. 58 वर्षीय डॉक्टर ललिता चौधरी ने ही लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में 18 मार्च को अपनी टीम के साथ आईसीयू का सेटअप किया. डॉक्टर चौधरी के मुताबिक 24 मार्च को 10 वर्षीय पहला पेशेंट आया था. तब से अब हजारों मरीज ठीक होकर जा चुके हैं.

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डॉक्टर ललिता चौधरी के घर में उनकी 85 साल की मां भी मौजूद हैं. उनका कहना है कि वह 30 साल से इस पेशे में हैं. घर में बुजुर्ग मां के मौजूद होने के बाद भी वह इस बीमारी से न डरकर रोज आईसीयू की ड्यूटी के बाद घर आती थी. वह सोशन मीडिया के बजाए अपनी मां के साथ समय बिताती थी. डॉक्टर ललिता चौधरी ने कहा कि सोशल मीडिया से दूरी बनाना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इसी से भ्रांतियां ज्यादा फैलती हैं. उन्होंने लोगों को सलाह दी कि सोशल मीडिया की बातों में ना आये. मास्क पहन कर मुंह के साथ नाक भी ढकें और 2 गज की दूरी को ही भविष्य का मंत्र बनाये.   

ताली-थाली, पुष्प वर्षा से  बढ़ता है मनोबल
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर हुए थाली बजाने पुष्प वर्षा जैसे कार्यक्रम उत्साह बढ़ाते है लेकिन जब सोशल मीडिया पर ऐसे झूठे वीडियो आते हैं जो संबंधित अस्पताल से जुड़े हुए नहीं होते तो उतनी ही तेजी से डॉक्टर से लेकर सफाईकर्मी तक का मनोबल गिरता है.  

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बीमारी के साथ जीना सीखना होगा
ललिता चौधरी ने कहा कि अगर सावधानी बरतें तो कोरोनो एक सामान्य बीमारियों में से एक है और जब तक वैक्सीन नही बनती तब तक हमें इसके साथ जीना सीखना ही होगा. ये बीमारी उन लोगों के लिए बहुत खतरनाक है जो लोग पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है.

Source : Mohit Bakshi

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