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दिल्ली में कोरोना विस्फोट, 10 दिन में 50 हजार नए मरीज

दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 4 लाख के पार पहुंच गई है. पिछले 10 दिनों में दिल्ली में कोरोना के 50,000 से ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं. आंकड़ों के अनुसार 25 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच, दिल्ली में 50,616 नए मामले सामने आए हैं.

Updated on: 04 Nov 2020, 10:15 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली में लगातार कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. एक बार फिर से दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. कोरोना के रिकॉर्ड केस और बढ़ते प्रदूषण के बीच बाजारों में बढ़ती भीड़ ने दिल्ली के संकट को बढ़ा दिया है. पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना वायरस के 6725 नए मामले सामने आए हैं और 48 लोगों की कोरोना वायरस की वजह से मौत भी हुई है. साथ ही दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 4 लाख के पार पहुंच गई है. पिछले 10 दिनों में दिल्ली में कोरोना के 50,000 से ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं. आंकड़ों के अनुसार 25 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच, दिल्ली में 50,616 नए मामले सामने आए हैं. यानी तब से अब तक एक दिन का औसत 5,062 रहा है. वहीं, इस अवधि के दौरान 394 मौतें दर्ज की गई हैं.

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इधर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की वजह से दिल्ली की हवा 'बेहद खराब' स्थिति में पहुंच गई है. दिल्ली का एक्यूआई 300 के पार चला गया है. बुधवार की सुबह भी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. ऐसे में दिल्ली में लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. इस बीच त्योहारी सीजन की वजह से बाजारों में होने वाली भीड़ ने कोरोना के खतरे को और बढ़ा दिया है. 

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केंद्र सरकार की पूर्वानुमान एजेंसी के अनुसार, मंगलवार को हवा की दिशा बदलने की वजह से दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषकों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत पर आ गई. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र 'सफर' के मुताबिक सोमवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की 3,068 घटनाएं दर्ज की गईं. एजेंसी ने बताया कि लंबे समय बाद मंगलवार को सतह के नजदीक की हवा की दिशा दक्षिण पश्चिम की तरफ हुई जो पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को दिल्ली तक पहुंचने में सहायक नहीं होती. 

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बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. आकड़ों के अनुसार, पिछले साल एक नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी सबसे अधिक 44 प्रतिशत दर्ज की गई थी. सफर का पूर्वानुमान है कि बुधवार और गुरुवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आंशिक गिरावट दर्ज की जाएगी. दिल्ली की वायु गुणवत्ता गत 24 घंटे में आंशिक सुधार के बाद मंगलवार दोपहर के बाद फिर 'बेहद खराब' श्रेणी में चली गई.