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दिल्ली डिम्ट्स की सभी 2,990 बसों में होगी कॉन्टैक्टलेस ई-टिकटिंग

फरवरी के अंतिम सप्ताह में सभी 3,760 डीटीसी बसों में इस एप के परीक्षण को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया था.

Updated on: 01 Mar 2021, 09:22 AM

highlights

  • कॉन्टैक्टलेस ई-टिकटिंग एप 'चार्टर' परीक्षण के अंतिम चरण की शुरूआत आज से
  • एप में ट्रायल के बाद के चरण में दैनिक पास बुक करने की सुविधा को भी जोड़ा गया
  • गूगल प्लेस्टोर पर यह एप अब फुल वर्जन में उपलब्ध है

नई दिल्ली:

कॉन्टैक्टलेस ई-टिकटिंग एप 'चार्टर' के परीक्षण के अंतिम चरण की शुरूआत सोमवार से दिल्ली में होगी. एकीकृत मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डिम्ट्स) की सभी 2,990 बसों में यह शुरूआत की जाएगी. कोरोना महामारी को विशेष रूप से मद्देनजर रखते हुए, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा अगस्त 2020 में संपर्क रहित ई-टिकटिंग सेवाओं की शुरूआत की गई थी. फरवरी के अंतिम सप्ताह में सभी 3,760 डीटीसी बसों में इस एप के परीक्षण को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया था. यह ट्रायल दिल्ली के परिवहन मंत्री द्वारा गठित एक विशेष टास्कफोर्स द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है. ई-टिकटिंग में शामिल डिम्ट्स के बसों की संख्या 550 हो गई है.

ई-टिकटिंग का परीक्षण 31 मार्च तक बढ़ा
वर्तमान में ई-टिकटिंग सेवा का परीक्षण डीटीसी की सभी बसों में 31 मार्च तक किया जा रहा है. इस पूरे परीक्षण के दौरान लगातार सर्वे भी किया जा रहा है ताकि यात्रियों को इस एप के इस्तेमाल में यदि किसी प्रकार की कठिनाई आती है तो उसे दूर किया जा सके. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक इस 'चार्टर' एप के जरिये रोजाना कुल 10,000 टिकट बुक किये जा रहे हैं. अगर देखा जाए तो पिछले 10 दिनों में इस एप के माध्यम से बुक होने वाले टिकट की संख्या प्रतिदिन 10 फीसदी के हिसाब से बढ़ी है. इस एप के माध्यम से दैनिक आधार पर बुक किए जाने वाले कुल टिकटों का प्रतिशत 1.5 फीसदी है, जो कुछ मार्गों पर 6 फीसदी तक बढ़ गया है.

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बुक पास में पिंक 67 फीसदी
बुक किए गए कुल टिकटों में से 67 फीसदी पिंक पास हैं. इस एप में ट्रायल के बाद के चरण में दैनिक पास बुक करने की सुविधा को भी जोड़ा गया. एप के इस्तेमाल से अबतक लगभग 4 लाख टिकट बुक किए जा चुके हैं. आईआईटी दिल्ली के सहयोग से दिल्ली के परिवहन विभाग ने सभी डिपो प्रबंधकों और लगभग 50 डिपो के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है, जिसके बाद इन प्रशिक्षित कर्मचारियों ने कंडक्टरों को प्रशिक्षित किया. चूंकि इस पूरे सिस्टम में कंडक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें इस बारे में प्रशिक्षण दिया जाना महत्वपूर्ण हो जाता है जिससे कि यात्रियों को टिकट बुकिंग में किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.

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2 लाख एप डाउनलोड
इसके अलावा, आईआईटी-दिल्ली की टीम ने प्रशिक्षकों और कंडक्टरों को किसी भी प्रकार की कठिनाई आने पर उसका तुरंत समाधान सुनिश्चित किया. 'चार्टर' एप के ट्रायल के आरंभ के तुरंत बाद से ही इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. रिलीज होने के बाद से अबतक 2 लाख से ज्यादा लोग इस एप को डाउनलोड कर चुके हैं. एप हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं को सपोर्ट करता है, जिससे इसका इस्तेमाल और भी आसान हो जाता है. यात्री बस में चढ़ने के बाद इस मोबाइल एप के माध्यम से ई-टिकट ले सकते हैं. गूगल प्लेस्टोर पर यह एप अब फुल वर्जन में उपलब्ध है.