Artificial Rain: दिल्ली CM रेखा गुप्ता का ऐलान, राजधानी में पहली बार होगी कृत्रिम बारिश, तीन दिन तय किए गए

मौसम विभाग की मानें तो 28, 29 और 30 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में बादलों की अधिक उपस्थिति की संभावना है. इसे दिल्ली के इतिहास में तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टि से अहम कदम बताया है

मौसम विभाग की मानें तो 28, 29 और 30 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में बादलों की अधिक उपस्थिति की संभावना है. इसे दिल्ली के इतिहास में तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टि से अहम कदम बताया है

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Mohit Saxena
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delhi cm rekha gupta Photograph: (Social Media)

दिल्ली में प्रदूषण से निपटारे को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. सीएम रेखा गुप्ता ने गुरुवार को ऐलान किया कि राजधानी में पहली बार क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसकी टेस्टिंग को पूरा किया जा चुका है. सीएम रेखा गुप्ता ने एक्स पर पोस्ट करते हुए सूचना दी कि विशेषज्ञों ने बुराड़ी क्षेत्र में क्लाउड सीडिंग का सफल परीक्षण किया है. मौसम विभाग की मानें तो 28, 29 और 30 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में बादलों की अधिक उपस्थिति की संभावना है. अगर मौसम की परिस्थितियां अनुकूल होती है तो 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम बारिश का नजारा देखने को मिलेगा. 

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उन्होंने इसे दिल्ली के इतिहास में तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टि से अहम कदम बताया है. रेखा गुप्ता ने कहा, “यह पहल न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने का एक वैज्ञानिक तरीका भी स्थापित करने वाली है. सरकार का लक्ष्य है कि इस नवाचार के जरिए राजधानी की हवा को स्वच्छ  और वातावरण को संतुलित बनाने में यह अहम पहल है.” मुख्यमंत्री ने इस परियोजना में जुटी टीम को बधाई दी और कहा कि इस प्रयास को सफल बनाने में कैबिनेट सहयोगी मनजिंदर सिंह सिरसा और सभी जुड़े अफसरों ने अहम भूमिका निभाई है. 

इन क्षेत्रों में भरी ट्रायल उड़ान 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि आईआईटी कानपुर से   मेरठ, खेकड़ा, बुराड़ी, सादकपुर, भोजपुर, अलीगढ़ होते हुए दिल्ली और वापस आईआईटी कानपुर तक एक ट्रायल सीडिंग उड़ान भरी गई है. इससे खेकड़ा और बुराड़ी के बीच और बादली क्षेत्र के ऊपर पायरो तकनीक   का उपयोग करके क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स दागे गए. यह क्लाउड सीडिंग की क्षमताओं विमान की तैयारी और क्षमता, क्लाउड सीडिंग फिटिंग और फ्लेयर्स की क्षमता का आकलन और सभी संबंधित एजेंसियों के बीच    समन्वय की जांच के लिए एक परीक्षण उड़ान थी. 

क्या होती है क्लाउड सीडिंग 

क्लाउड सीडिंग मौसम बदलने की तकनीक की तरह है. इस दौरान नम बादलों में रसायन को डाला जाता है. इससे पानी की बूंदों को जोड़ा जाता है ताकि ये भारी होकर बरस पड़ें. ये सामान्य बरसात से बिल्कुल अलग है. दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है. इसके प्रोजेक्ट को पूरा करने में 3.21 करोड़ रुपये  की लागत लगेगी. यह प्रक्रिया आईआईटी कानपुर, आईएमडी और दिल्ली सरकार की मदद से संभव होगा.

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