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शिक्षकों के जाति प्रमाण-पत्र की होगी जांच, लगे हैं ये गंभीर आरोप

लिस्ट में शामिल सभी टीचरों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी.

Updated on: 15 Jan 2021, 11:01 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi) के सरकारी स्कूलों (Government School) में नौकरी कर रहे 335 टीचरों के जाति प्रमाण-पत्रों (Caste Certificate) की जांच की जाएगी. इन सभी टीचरों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी. शिक्षा निदेशालय ने जिला उपशिक्षा निदेशकों को इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. शिक्षा निदेशालय ने इस मामले में 335 टीचरों की एक लिस्ट जारी की है, जिनपर फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी पाने का आरोप है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बीते साल 31 दिसंबर को शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) से शिक्षकों की जाति के साथ अन्य प्रमाण-पत्रों की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने 11 जनवरी को जिला उपशिक्षा निदेशकों को आदेश देकर रिपोर्ट मांगी है. शिक्षा निदेशालय ने जिला उपशिक्षा निदेशकों को रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिनों का समय दिया है, लिहाजा उन्हें इस पूरे मामले में 25 जनवरी तक रिपोर्ट देनी होगी.

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आरोपितों में कई टीचर ऐसे भी हैं, जो अब प्रमोशन भी पा चुके हैं. बताते चलें कि साल 2018 में फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के मामले में शिकायत दर्ज की गई थी. साल 2018 में दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रहे विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज कराई थी. पुलिस ने अब इस मामले में अपनी जांच और कार्रवाई तेज कर दी है. इस पूरे मामले में टीचर्स एसोसिएशन ने जल्द से जल्द जांच पूरी करने की डिमांड की है.