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Disputed Property ( Photo Credit : social media)
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Disputed Property ( Photo Credit : social media)
Disputed Property: दिल्ली सरकार ने प्रॉपर्टियों के लेने-देन में हो रही धांधली को रोकने के लिए एक पोर्टल तैयार किया है. सभी भूमि रिकॉर्ड आम जनता के पास आसानी से उपलब्ध कराने की कवायद शुरू हो चुकी है. राजस्व विभाग ने अब तक 21679 विवादित, 6548 अधिगृहीत और 5211 ग्राम सभा प्रॉपर्टियों का विवरण पोर्टल पर दर्ज कर दिया है. इस तरह से आम जनता को आसानी सूचना प्राप्त हो सकेगी. इस तरह से आम जनता प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले उसके बारे में ऑनलाइन जानकारी लें सकेंगे. राजस्व विभाग के अनुसार, विभिन्न भूमि और प्रॉपर्टियों से जुड़े डिजिटल रिकॉर्ड पोर्टल पर मौजूद हैं. इनमें ग्रामसभा, शत्रु, अधिगृहीत, अधिग्रहण को लेकर चिह्नित और बुक की प्रॉपर्टियों आदि को केंद्रीयकृत सर्वर पर डाला गया है.
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राजस्व विभाग के dispute.delhigovt.nic.in पोर्टल पर सारी जानकारी दी गई है. इस तरह से प्रॉपर्टी की खरीद से पहले लोग अब पोर्टल पर आकर इसकी जांच कर सकते हैं. इस तरह से उन्हे पता चलेगा कि भूमि या इमारत विवादित तो नहीं है.
यह भी पता लगा सकते हैं कि प्रॉपर्टी को एमसीडी ने ध्वस्त करने के लिए चिह्नित किया या किसी अन्य निषिद्ध श्रेणी में तो नहीं आती है. राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पोर्टल पर पता, राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार मालिक का नाम, विवाद की तारीख और इसकी प्रकृति उपलब्ध होगी. किसी बैंक के पास गिरवी या धोखाधड़ी से जुड़े होने की जानकारी दी गई है.
प्रॉपर्टियों का आंकड़ा हो रहा अपडेट
प्रॉपर्टियों को सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों के तहत वर्गीकृत किया गया है. अफसरों ने कहा कि निष्क्रांत, शत्रु और बुक हुई प्रॉपर्टियों के डेटा को अपडेट किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, 22 सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों को पहले से ही केंद्रीय सर्वर की पहुंच मिली है. यहां पर सभी प्रतिबंधित और विवादित प्रॉपर्टियों का ब्योरा दिया गया है. इस तरह से सब-रजिस्ट्रार को यह तय करने में सहायता मिलेगी कि जमीन या प्रॉपर्टी का विक्रय जो रजिस्ट्री होने जा रही है वह सही है की नहीं. इसका स्वामित्व सही है की नहीं. वहीं खरीदारों को इधर-उधर दौड़ लगाने की जरूरत नहीं होगी.
किस तरह से सही प्रॉपर्टी का करें पता
इस पोर्टल का यूआरएल है dispute.delhigovt.nic.in. इस वेब ब्राउजर को खोलने के बाद अपने क्षेत्र को चुनाकर उस पर जाना होगा. यहां पर इलाके या प्रॉपर्टी संख्या दर्ज करना होगा. इसके बाद यह तय करना होगा कि प्रॉपर्टी या भूमि निषिद्ध सूची में है की नहीं. इस तरह से हर रजिस्टर्ड प्रॉपर्टियों की सूची में लाभार्थी एजेंसी का ब्योरा, अधिग्रहण का साल, उद्देश्य, खसरा नंबर के साथ गांव का उल्लेख किया गया है.
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