/newsnation/media/media_files/2025/08/15/aap-2025-08-15-19-48-53.jpg)
aap Photograph: (social media)
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति अब एसैप (ASAP) उतरने वाला है. चुनाव टिकट अब तक मुद्दों पर नहीं, बल्कि पैसे, जाति और बाहुबल के आधार पर बंटते रहे हैं. जिन सवालों पर छात्र राजनीति की नींव होनी चाहिए, जैसे फीस वृद्धि, हॉस्टल और लैब की कमी, महिला सुरक्षा और भेदभाव उन पर सालों से चुप्पी छाई रही है. अन्य संगठनों ने कैंपस को सालों तक एक निजी ठेके की तरह चलाया, जहां पर सेटिंग करके बारी-बारी से डूसू छात्रसंघ पर कब्जा जमाए बैठे रहे. इस दौरान कभी भी छात्रों के हितों की आवाज बुलंद नहीं हुई. लेकिन अब यह चक्र टूटेगा. क्योंकि इस बार आम आदमी पार्टी का छात्र संगठन एसैप (ASAP) डूसू छात्र संघ चुनाव लड़ेगा. एसैप मानता है कि छात्र राजनीति कुछ नेताओं की जागीर नहीं हो सकती. नेतृत्व उस छात्र के हाथ में होना चाहिए, जो पढ़ाई में अच्छा है, मेहनती है, ईमानदार है और अपने कॉलेज व विश्वविद्यालय को बेहतर बनाना चाहता है.
टिकट प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और लोकतांत्रिक बना दिया
अब चुनाव लड़ने के लिए न किसी रसूखदार नेता के दरवाज़े पर खड़ा होना पड़ेगा, न पैसा या जाति पूछी जाएगी, न बैकग्राउंड. एसैप ने टिकट प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और लोकतांत्रिक बना दिया है. हर छात्र को मौका मिलेगा, चाहे वो किसी भी भाषा, धर्म, जाति या आर्थिक पृष्ठभूमि से आता हो.
10 छात्रों का समर्थन जुटाना होगा
जो भी छात्र डूसू या कॉलेज यूनियन का चुनाव लड़ना चाहता है, उसे सिर्फ तीन आसान स्टेप पूरे करने होंगे, पहला- एक पंजीकरण फॉर्म भरना होगा. इसकी आखिरी तारीख 25 अगस्त है. दूसरा- एक मिनट का वीडियो या ऑडियो जिसमें वह अपने मुद्दों को साफ़-साफ़ रखे, और तीसरा- 200-500 शब्दों में अपना एजेंडा बताए. कॉलेज यूनियन के लिए कम से कम 5 अलग-अलग सेक्शन से 10 छात्रों का समर्थन जुटाना होगा, और डूसू के लिए 5 कॉलेजों से 50 छात्रों का, जिनके नाम, स्टूडेंट ID और मोबाइल नंबर अनिवार्य हैं. उम्मीदवार के पास पूरी कक्षा उपस्थिति होनी चाहिए, कोई बैकलॉग नहीं, और न ही कोई अनुशासनात्मक या आपराधिक रिकॉर्ड हो.
ये भी पढ़ें: Delhi Dargah Wall Collapsed: दिल्ली के दरगाह की छत गिरी, पांच लोगों के मरने की आई खबर