जानवर का खून या असलम का, नहीं हुआ क्लियर, दिल्ली हाई कोर्ट ने तीन आरोपियों को किया बरी

Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने सबूतों के आधार पर आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि आरोपियों को फंसाने के लिए यह साजिश रची गई है.

Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने सबूतों के आधार पर आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि आरोपियों को फंसाने के लिए यह साजिश रची गई है.

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Vineeta Kumari
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जानवर का खून या असलम का

Delhi News: दिल्ली के एक सात साल पुराने मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया. दरअसल, कोर्ट ने मामले की जांच में संदेह जाहिर करते हुए तीनों आरोपियों फहीम कुरैशी, हनीफ खान और नईम कुरैशी को बरी करते हुए कहा कि पीड़ित का कहना है कि फईम ने उस पर गोली चलाई थी. 

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7 साल पुराने केस में अदालत ने आरोपियों को किया बरी

अदालत ने 9 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए कहा कि 72 पृष्ठों के फैसले में असलम के बयान पर ध्यान दिया जाए तो घटना के समय उसका भाई शकील घटनास्थल पर मौजूद था. वहीं, शकील ने जो गवाही दी, उसमें कुछ सुधार को रेखांकित किया गया. साथ ही सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि गोली लगने की वजह से असलम की पतलून में छेद के निशान भी होने चाहिए थे, जो निशान नहीं मिले. ना ही उसके कपड़ों को कभी भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया.

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सबूत के आभाव में किया बरी

असलम के घर से कथित हथियार भी बरामद नहीं किया गया और ना ही उसके घर से कोई खोखा मिला. यहां तक कि गोली लगने से जो खून निकला, उसकी भी जांच नहीं की गई. इसलिए घटनास्थल पर जो खून के निशान पाए गए थे, वह किसी व्यक्ति का है या भी किसी जानवर का. उससे वह भी साबित नहीं होता है. 

'खून के निशान असलम का या जानवर का'

आगे सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि असलम का इलाज करने वाले डॉक्टर ने भी इस बात से इनकार नहीं किया कि यह चोट खुद से पहुंचाई गई है. यह पुरानी रंजीश का मामला था. 18 अक्टूबर, 2017 को असलम ने तीनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इन सबूतों के आधार पर इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आरोपियों को फंसाने के लिए भी यह केस दर्ज किया गया है. इसकी संभावना से हम इनकार नहीं कर सकते हैं.

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