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चीन में हाहाकार मचाने वाले निमोनिया ने दिल्ली में दी दस्तक? AIIMS ने बताई पूरी सच्चाई

दिल्ली एम्स ने एक स्टेटमेंट जारी कर स्पष्ट किया है कि एम्स में भर्ती निमोनिया के किसी मरीज का चीन में मिले निमोनिया के वायरस से कोई संबंध नहीं है.

Updated on: 07 Dec 2023, 03:15 PM

highlights

  • 'भारत में नहीं मिले चीनी निमोनिया के मामले'
  • दिल्ली एम्स ने किया मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन
  • चीन में फैल रहा है वॉकिंग निमोनिया 

नई दिल्ली:

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली, (Delhi AIIMS) ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया गया कि चीन में हाहाकार मचा चुके निमोनिया बैक्टीरिया के केस राजधानी दिल्ली में पाए गए हैं. दिल्ली एम्स ने ऐसे मामले पाए जाने से इनकार कर दिया. साथ ही ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स को बेबुनियादी करार दिया. दिल्ली एम्स ने एक स्टेटमेंट जारी कर स्पष्ट किया है कि एम्स में भर्ती निमोनिया के किसी मरीज का चीन में मिले निमोनिया के वायरस से कोई संबंध नहीं है. बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में पहले कहा गया था कि दिल्ली के एम्स में अस्पताल में अप्रैल से सितंबर के बीच माइकोप्लाज्मा निमोनिया के सात मामलों का पता लगाया गया.

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रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया कि एम्स में पीसीआर और आईडीएम एलिसा नामक दो परीक्ष करग इन माइकोप्लाज्मा निमोनिया के सात केसों के बारे में जानकारी हासिल की. हालांकि, दिल्ली एम्स ने गुरुवार को दिए एक बयान में इन खबरों को गलत बताया और कहा कि एम्स में एडमिट किसी भी मरीज का चीन में मिले निमोनिया के वायरस से कोई संबंध नहीं है.

एम्स ने मीडिया रिपोर्ट को बताया भ्रामक और गलत

बता दें कि मीडिया में इस तरह की खबरें सामने आ रही थी जिसमें कहा जा रहा था चीनी निमोनिया से पीड़ित सात मरीज एम्स में मिले हैं. लेकिन गुरुवार को एम्स ने मीडिया में चल रही इन रिपोर्ट को खारिज कर दिया और कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो दिल्ली एम्स में आए निमोनिया के मामलों का चीन के बैक्टीरिया से कनेक्शन बता रहे हैं वह भ्रामक और गलत हैं.

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चीन में फैल रहा निमोनिया

बता दें कि हाल के दिनों में दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश चीन में वॉकिंग निमोनिया के मामले देखने को मिले हैं. जिसके चलते चीन में हाहाकार मच गया. इसके अलावा इस निमोनिया के मामले कई यूरोपीय देशों में भी सामने आए. अब बताया गया कि इस निमोनिया के कुछ मामले भारत में भी सामने आए हैं. हालांकि भारत में अभी तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया. बता दें कि वॉकिंग निमोनिया आम बोलचाक का शब्द है. जिसका इस्तेमाल निमोनिया के हल्के रुप या लक्षण को बताने के लिए किया जाता है. क्योंकि ये निमोनिया सामान्य निमोनिया से अलग है और ये जीवाणु माइकोप्लाज्मा के कारण होती है.