केंद्र सरकार केजरीवाल शिक्षा मॉडल से प्रभावित: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के साथ शिक्षामंत्री मनीष सिदोदिया ने यह बात अपने ऑफीशियल ट्विटर हैंडल से कही है. सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में केजरीवाल सरकार ने 2018 में स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की शुरुआत की थी.
highlights
- केंद्र सरकार केजरीवाल शिक्षा मॉडल से प्रभावित
- दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का दावा
- दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया ने किया ट्वीट
नई दिल्ली:
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि केंद्र सरकार केजरीवाल सरकार की शिक्षा मॉडल से प्रभावित है और केंद्र देश के शिक्षण संस्थानों में यही मॉडल लागू कर रहा है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के साथ शिक्षामंत्री मनीष सिदोदिया ने यह बात अपने ऑफीशियल ट्विटर हैंडल से कही है. आपको बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में केजरीवाल सरकार ने 2018 में स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की शुरुआत की. इसके अलावा दिल्ली को देश और दुनिया में शिक्षा के मॉडल के रूप में स्थापित किया है.
आपको बता दें कि केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल से केंद्र की मोदी सरकार भी प्रभावित है. देश के संस्थानों में केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल को लागू कर रही है. केजरीवाल सरकार के हैप्पीनेस पाठ्यक्रम से प्रभावित होकर केंद्र सरकार ने आईआईएम संस्थान में इसे लागू किया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, जम्मू में इसकी शुरुआत की है. आनंदम: द सेंटर ऑफ हैप्पीनेस नाम से इसकी शुरुआत की गई है. केजरीवाल सरकार के हैप्पीनेस पाठ्यक्रम को लागू करते हुए केंद्रीय मंत्री ने वर्चुअल तरीके से इसका उद्घाटन किया.
Happy to hear that central govt is following 'Kejriwal Education Model' https://t.co/I4XVMh0ln5
— Manish Sisodia (@msisodia) March 30, 2021
इस वजह से विकसित किया गया हैप्पीनेस पाठ्यक्रम
केजरीवाल सरकार ने बच्चों में एक बेहतर जीवन शैली का विकास करने के लिए हैप्पीनेस पाठ्यक्रम को विकसित किया. छात्रों और शिक्षकों को माइंडफुलनेस का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित किया. हैप्पीनेस करिकुलम का उद्देश्य बच्चों में आत्म-जागरूकता और माइंडफुलनेस, क्रिटिकल थिंकिंग और वैज्ञानिक कौशलों को विकसित करना है. इसके अलावा छात्रों को प्रभावी ढंग से संवाद करना सिखाना और उन्हें अपने आसपास के तनावपूर्ण और प्रतिकूल स्थितियों से निपटने के लिए जीवन कौशल सिखाने में मदद करना है. लगभग 3-4 लाख छात्रों ने माइंडफुलनेस और विभिन्न गतिविधियों का अभ्यास के द्वारा अपने घरों में भावनात्मक रूप से मजबूत वातावरण बनाने में मदद की. हैप्पीनेस करिकुलम के माध्यम से आसपास के वातावरण और समाज को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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हैप्पीनेस क्लास में रोजाना 16 लाख छात्र ले रहे हिस्सा
केजरीवाल सरकार अच्छी स्कूल बिल्डिंग बनाने, शिक्षकों के बीच पढ़ाई-लिखाई का अच्छा वातावरण बनाने और शानदार नतीजे के बाद कई और महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. नर्सरी से आठवीं तक के बच्चों के लिए रोजना हैप्पीनेस क्लास की शुरूआत की. जिससे बच्चे अपने अंदर खुशी के भावों को वैज्ञानिक ढंग से पहचानने में सफल हो रहे हैं. हैप्पीनेस क्लास के अंदर रोजाना करीब 16 लाख बच्चे अपनी क्लास की शुरुआत के माइंडफुलनेस मेडिटेशन के साथ करते हैं. इतनी बड़ी संख्या में रोजाना मेडिटेशन का प्रयोग अपने आप में अनूठा है. हैप्पीनेस कार्यक्रम में बढ़ती अंतरराष्ट्रीय रूचि को देखते हुए इसकी नॉलेज शेयरिंग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सेल की स्थापना का भी प्रस्ताव है.
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शिक्षकों की बड़ी भूमिका तय की गई
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बताया कि हैप्पीनेस क्लास को चलाने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका तय की गई है. हैप्पीनेस करिकुलम विकसित किया जा रहा था तो यह सुनिश्चित किया गया कि इसमें शिक्षकों की बड़ी भूमिका तय की जाए और उनकी सभी सिफारिशों को सुना जाए. समय के साथ अब शिक्षकों का एक पूरा कैडर है जो हैप्पीनेस करिकुलम की दृष्टि और परिणाम में विश्वास करते हैं.
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