दिल्ली के विधानसभा इलेक्शन में आज से नामांकन प्रक्रिया थम गई है. अब जो नामांकन भरे गए हैं, उनकी स्क्रूटनी होगी और फिर नामांकन वापसी का समय दिया जाएगा. अभी तक 70 विधानसभा सीटों के लिए 1400 से ज्यादा नामांकन भरे जा चुके हैं. यह सारा काम 20 जनवरी तक निपट जाएगा और फिर 21 जनवरी से यह तय हो जाएगा कि अब दिल्ली की सियासत में किस-किसके बीच जंग होने वाली है.
दिल्ली विधानसभा के रण को जीतने के लिए आम आदमी पार्टी जहां सभी 70 विधानसभा सीटों पर लड़ रही है तो वहीं कांग्रेस भी सभी 70 सीटों पर दम ठोक रही है. यह दोनों ही इंडिया गठबंधन के घटक दल हैं लेकिन विधानसभा चुनावों में एक-दूसरे के साथ सियासी जंग के मैदान में हैं. वहीं बीजेपी, अपने गठबंधन धर्म को निभा रही है. बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा में दो सीटें अपने एनडीए के साथियों को दी हैं. बुराड़ी की सीट जेडीयू के खाते में गई है तो वहीं, देवली की सीट एलजेपी (रामविलास) को मिली है. इस तरह बीजेपी 68 विधानसभा सीटों पर चुनावी मैदान में है.
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कई नामों पर चर्चा लेकिन नहीं घोषित हुए नाम
सभी दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. खास बात यह है कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में कोई चौंकाने वाला नाम नहीं है. पहले यह कयास लग रहे थे कि हिंदुत्व की फायरब्रांड नेता नूपुर शर्मा को दिल्ली में टिकट दिया जा सकता है तो वहीं बीजेपी की कद्दावर नेता मीनाक्षी लेखी का भी नाम चला लेकिन आज जब सारे नामांकन भरे जा चुके हैं, इनमें यह नाम नहीं हैं.
दिल्ली में कुछ ऐसा रहा है सियासी समीकरण
बता दें कि दिल्ली में एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान होना है और 8 फरवरी को नतीजे आने हैं. इससे पहले दिल्ली में 2020 के विधान सभा चुनाव में 8 फरवरी को वोट डाले गए थे और 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए गए थे. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल कर बंपर जीत दर्ज की थी और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को साल 2015 में 3 और 2020 में महज 8 सीटों पर जीत मिली थी.