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दिल्ली के विवेक विहार इलाके में हुए फर्जी रेड कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आपको बता दें कि ये आरोपी खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को निशाना बनाते थे. पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों ने इंदिरापुरम के रहने वाले मनप्रीत से फर्जी रेड के नाम पर 2 करोड़ रुपये लूट लिए थे.
पुलिस को मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की गई. सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने आरोपियों के पास से 1 करोड़ 25 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं. बाकी रकम की तलाश जारी है.
कैसे हुआ खुलासा?
20 अगस्त को गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी मनप्रीत सिंह ने विवेक विहार थाने में शिकायत की. मनप्रीत फाइनेंस और प्रॉपर्टी का काम करते हैं. 19 अगस्त को उनके दोस्त रवि शंकर मकान से 1 करोड़ 10 लाख रुपये लेकर जा रहे थे. तभी चार लोग, जिनमें महिलाएं भी थीं, सामने आए. उन्होंने सीबीआई अफसर बनकर नकली आईडी और वॉकी-टॉकी दिखाए और पैसे लूटकर भाग गए.
इसके बाद यह गिरोह मनप्रीत के घर भी पहुंचा और उनके कर्मचारी से मारपीट कर बाकी पैसे लूट लिए. कुल मिलाकर लगभग 2 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए.
पुलिस की जांच और गिरफ्तारियां
दिल्ली पुलिस ने स्पेशल टीम बनाई और 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले. पता चला कि आरोपियों ने जो गाड़ियां इस्तेमाल कीं, वे एनजीओ क्राइम ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (साकेत) के नाम से किराए पर ली गई थीं. पुलिस ने एनजीओ की सचिव पापोरी बरुआ और आरोपी दीपक को पकड़ लिया. उनके पास से 1.8 करोड़ और 17.5 लाख रुपये बरामद हुए. एनजीओ डायरेक्टर राम सिंह मीणा भी गिरफ्तार हुआ.
पुलिस का कहना है कि इस गैंग में कई महिलाएं और अन्य लोग शामिल थे. फरार आरोपियों की तलाश जारी है. यह केस शुरुआत में ब्लाइंड था, लेकिन तकनीकी जांच से सुलझाया गया.
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