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धर्मांतरण करवाता है पादरी- ये कहकर थाने के अंदर पीटा

संगठन की ओर से आरोप लगाया गया कि पादरी और अन्य लोग धर्मांतरण कराने में शामिल हैं. इसके बाद तीनों लोग थाने पहुंचे. उनसे पहले ही आरोप लगाने वाले संगठन के लोग थाने पर पहुंच गए थे. आरोप है कि संगठन के सदस्यों ने थाने में एसएचओ के चैंबर के अंदर ही तीनों ल

Updated on: 06 Sep 2021, 04:45 PM

highlights

  • पुलिस के सामने चले जूते-चप्पल
  • धर्मांतरण कराने का लगाया आरोप
  • पुलिस मामले की जांच में जुटी

 

नई दिल्ली :

छत्तीसगढ़ में एक पादरी सहित तीन लोगों की पिटाई का मामला सामने आया है. यहां तक की पिटाई का एक वीडियो भी बनाया गया है, जो वायरल हो गया है. मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का है. मामले में एसएसपी अजय यादव ने बताया कि थाने के अंदर मारपीट का मामला सामने आने पर एसएचओ को पद से हटाकर 8 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि पादरी हरीश साहू और चर्च के एक वरिष्ठ अधिकारी पर एक संगठन ने धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है. संगठन के सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने थाने के अंदर घुसकर पादरी हरीश साहू, क्रिश्चियन फोरम के महासचिव अंकुश बरियाकर और प्रकाश मसीह के साथ मारपीट की.  इस मामले में पुलिस ने बताया कि एक दक्षिणपंथी संगठन ने पादरी और अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. इसके बाद साहू को थाने पर बुलाया गया. संगठन की ओर से आरोप लगाया गया कि पादरी और अन्य लोग धर्मांतरण कराने में शामिल हैं. इसके बाद तीनों लोग थाने पहुंचे. उनसे पहले ही आरोप लगाने वाले संगठन के लोग थाने पर पहुंच गए थे. आरोप है कि संगठन के सदस्यों ने थाने में एसएचओ के चैंबर के अंदर ही तीनों लोगों से मारपीट की और गालियां भी दीं. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि पुलिस के सामने ही जूते-चप्पलों से पिटाई की गई. 

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बता दें कि इससे करीब एक हफ्ते पहले भी राज्य के कबीरधान जिले के पोल्मी गांव में पादरी कवलसिंह परस्ते की 100 से अधिक लोगों ने पिटाई कर दी थी. अभी उस मामले की जांच चल ही रही थी कि अब थाने में पिटाई का मामला सामने आ गया. इसी के साथ अब धर्मांतरण को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है. धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर हिंदूवादी संगठन तमाम आरोप लगाते रहे हैं. इसी मुद्दे पर कई बार मारपीट और अपशब्दों का मामला भी सामने आया है. हालांकि ईसाई समुदाय के लोग इस आरोप को नकारते रहे हैं. ईसाई समुदाय के लोगों का हमेशा दावा रहा है कि हम सिर्फ पीड़ित लोगों की मदद करते हैं. गलत तरीके से धर्मांतरण कराने का आरोप बेबुनियाद है.