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3 दिनों से 60 फिट गहरे बोरवेल में फंसे मासूम को निकालने के लिए बुलाई अब ये खास मशीन

3 दिनों से बोरबेल में फंसे राहुल को बाहर निकालने के लिए अब बड़ी पोकलेन मशीन बुलाई गई है. ताकि, जल्द से जल्द खुदाई राहुल को जिंदा निकाला जा सके. गौरतलब है कि मासूम राहुल साहू को बोरबेल में फंसे हुए 48 घंटे से ज्यादा समय हो गया है.

Updated on: 12 Jun 2022, 01:48 PM

highlights

  • 3 दिनों से 60 फिट गहरे बोरबेल में फंसा है 11 वर्षीय राहुल 
  • बच्चे को बाहर निकालने के लिए अब बुलाई गई बड़ी मशीन
  • जिला प्रशासन, पुलिस और NDRF की टीम है मौके पर मौजूद

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अंकुश शर्मा/जांजगीर चापा. 3 दिनों से बोरबेल में फंसे राहुल को बाहर निकालने के लिए अब बड़ी पोकलेन मशीन बुलाई गई है. ताकि, जल्द से जल्द खुदाई राहुल को जिंदा निकाला जा सके. गौरतलब है कि मासूम राहुल साहू को बोरबेल में फंसे हुए 48 घंटे से ज्यादा समय हो गया है. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि उसे जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए. एक तरफ जहां राहुल को निकालने के लिए तमाम तरह की कोशिश की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ मासूम राहुल अब भी पूरी हिम्मत के साथ डटा हुआ है. राहुल हर एक बात पर रिस्पॉन्स भी कर रहा है. राहुल की हिम्मत, हौसला काबिले तारीफ है. 11 साल का बच्चा जिंदगी की जंग जीतने के लिए आमादा है. अपने जिगर के टुकड़े को बोरवेल में फंसे होने से बेचैन राहुल की मां जब भी अपने बच्चे को आवाज लगाती है तो हर बार राहुल इशारों से अपनी मां की बात का जवाब देता है.  

60 गहरे गड्ढे में भी है हौसला बुलंद
जांजगीर जिले में पिहरीद गांव का एक 11 साल का मासूम इस वक्त उन लोगों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है, जो छोटी-छोटी परेशानी के आगे हिम्मत हार जाते हैं. 48 घंटे से ज्यादा समय से 60 फीट गहरे बोरवेल में फंसे होने के बाद भी 11 साल का मासूम राहुल अब भी अपने मजबूत इरादों के साथ डटा हुआ है. जरा सोचिए, अगर आप किसी 60 फीट गहरे अंधेरे गड्ढे में 3 दिन से फंसे हो तो आपकी क्या हालत होगी. ऐसी स्थिति में एक मजबूत इंसान की हिम्मत भी जवाब दे जाती. लेकिन, छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के पिहरीद गांव के 11 साल के राहुल ने ऐसी स्थिति में भी मजबूती, हौसला, इक्षा शक्ति की मिसाल पेश की है. 11 साल का मासूम राहुल साहू 3 दिनों से एक बोरबेल में जिंदगी से जंग लड़ रहा है. जंग भी ऐसी जो हर किसी को हैरान करने पर मजबूर है. राहुल साहू जबसे बोरवेल में गिरा है, तबसे जिला से लेकर प्रदेश स्तर का अमला मौके पर जुटा हुआ है. राहुल को निकाले जाने की पल-पल की अपडेट राज्य सरकार को दी जा रही है. 

रेस्क्यू में जुटी NDRF की टीम 
NDRF के जवान राहुल को लगातार आवाज लगा रहे हैं, ताकि राहुल का हौसला कमजोर न हो सके. इसके साथ ही उसे लगातार खाने पीने की चीजें उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं, अपने बच्चे की चिंता में परेशान भी रुहांसे गले और हम आंखों से अपने लाल राहुल को बार-बार आवाज देकर उसका ढांढस बंधा रही है. ममता भरी आवाज सुनकर मासूम राहुल भी इशारों से ही सही मां की हर बात का जवाब दे रहा है.

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जिला प्रशासन ने डाला डेरामौके पर  जिला प्रशासन के मुखिया, पुलिस प्रशासन के मुखिया और NDRF के अधिकारी भी राहुल की हिम्मत दिलाने के लिए उसके साथ मौके पर लगातार डटे हुए है...  जिसको भी मासूम राहुल साहू की बोरबेल में फंसे होने की खबर लग रही है. वह राहुल को एक नजर देखने के लिए वहां पहुंच रहा है. कुछ स्थानों पर तो राहुल के लिए पूजा-पाठ का सिलसिला भी चल रहा है...इस सब से अलग एक बात बहुत खास है ... वह यह है कि राहुल घनघोर गहरे अंधेरे में अकेला है ... एक मूक बधिर बालक 3 दिनों से जिंदगी की जंग लग रहा है... और इस कदर लड़ रहा है ... की मौत भी राहुल के पास आने से डर रही है...