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लखनऊ से छत्तीसगढ़ के लिए साइकिल से निकला था परिवार, रास्ते में हुआ दर्दनाक हादसा

इस दर्दनाक हादसे में पति-पत्नी की मौत हो गई, लेकिन उनके दो बच्चे बच गए. लॉकडाउन की वजह से मजदूरी बंद हो गई थी और खाना-पानी के लिए पैसे भी नहीं बचे थे, जिसके चलते दंपति अपने मासूम बच्चों को साइकिल से लेकर गांव जा रहे थे.

Updated on: 09 May 2020, 03:03 PM

रायपुर:

शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में जहां ट्रेन से कटकर 16 मजदूरों की मौत हो गई, तो दूसरी ओर लखनऊ के शहीद पथ पर साइकिल से छत्तीसगढ़ लौट रहा एक परिवार हादसे का शिकार हो गया. इस दर्दनाक हादसे में पति-पत्नी की मौत हो गई, लेकिन उनके दो बच्चे बच गए. लॉकडाउन की वजह से मजदूरी बंद हो गई थी और खाना-पानी के लिए पैसे भी नहीं बचे थे, जिसके चलते दंपति अपने मासूम बच्चों को साइकिल से लेकर गांव जा रहे थे.

जब बुधवार देर रात चारों लोग साइकिल पर सवार होकर लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी के शहीद पथ से गुजर रहे थे, तभी एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. इसमें घायल दंपति को पुलिस ने फौरन अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई. मृतक की पहचान छत्तीसगढ़ निवासी कृष्णा के रूप में हुई है और पत्नी का नाम प्रमिला है.

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इस हादसे में दंपति के 2 मासूम बच्चे बच गए हैं. बेटे का नाम निखिल है, जो महज डेढ़ साल का है, जबकि बेटी का नाम चांदनी है, जो सिर्फ तीन साल की है. इस हादसे में दोनों मासूम बच्चे घायल हो गए हैं. इनके सिर पर चोट आई है. इन मासूम बच्चों के सिर से मां-बाप का साया हमेशा के लिए उठ गया है. मासूम बच्चे अपने मां-बाप को याद करके रो और बिलख रहे हैं.

बहन ने किया फोन तो पुलिस बोली- हादसा हो गया

मृतक की बहन तुलसी ने बताया कि जब उसने अपने भाई को फोन कर जानकारी लेना चाहा कि वह कहां पहुंचे हैं, तो फोन पुलिस वालों ने उठाया और कहा कि दुर्घटना हो गई है. आप लोग आकर बच्चों को ले जाइए. इसके बाद तुलसी ने लखनऊ में रह रहे अपने दूसरे भाई और भाभी को फोन किया. सूचना मिलते ही मृतक के भाई राम कुमार घटनास्थल पहुंचे. वहीं, पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया.

मृतक की बहन तुलसी का कहना है कि सरकार बच्चों के लिए कुछ मदद दे. हम लोग बहुत परेशान हैं. हम लोग अपने घर छत्तीसगढ़ जाना चाहते हैं. हमारे पास बच्चों के इलाज के लिए भी पैसे नहीं हैं. किसी तरह करा रहे हैं. लॉकडाउन में कोई पैसा भी उधार नहीं दे रहा है. हम लोग कुल 10-12 लोग हैं.

सदर लखनऊ के तहसीलदार ने हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि परिजनों को कमेटी किचन के जरिए भोजन प्रदान किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि मृतक दंपति के पांच बच्चे हैं, जिनमें से तीन छत्तीसगढ़ में रहते हैं. उनकी एक बेटी गर्भवती भी है, जिसकी कभी भी डिलिवरी हो सकती है. इसी के चलते ये लोग साइकिल से छत्तीसगढ़ के लिए निकले थे, लेकिन अचानक रास्ते में एक्सीडेंट हो गया और उनकी मौत हो गई.