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मरवाही उपचुनाव: CM भूपेश बघेल ने कहा, 'जनता ने 18 वर्षों तक हुए छल का जवाब दिया'

छत्तीसगढ़ के मरवाही विधानसभा उपचुनाव में जीत को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जनता ने 18 वर्षों तक हुए छल का जवाब दिया है.

Updated on: 11 Nov 2020, 01:43 PM

रायपुर:

छत्तीसगढ़ के मरवाही विधानसभा उपचुनाव में जीत को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जनता ने 18 वर्षों तक हुए छल का जवाब दिया है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने इसे सत्ता-शासन के दबाव में जबरदस्ती हासिल की गई जीत बताया.

छत्तीसगढ़ के गौरेला—पेंड्रा—मरवाही जिले में स्थित मरवाही विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी दल कांग्रेस ने जीत हासिल कर ली है. कांग्रेस के प्रत्याशी केके ध्रुव ने अपने निकटतम भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गंभीर सिंह को 38,197 मतों से पराजित किया. इस सीट पर इस महीने की तीन तारीख को मतदान हुआ था.

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मरवाही विधानसभा सीट पर हुई जीत को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करके कहा कि मरवाही का उपचुनाव महज विधायक चुनने का चुनाव नहीं था बल्कि यह मरवाही के साथ 18 सालों तक हुए छल को जनता द्वारा लोकतांत्रिक जवाब देने की परीक्षा थी. बघेल ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मरवाही की जनता ने इस परीक्षा को प्रचंड बहुमत से उत्तीर्ण किया है. डॉक्टर के के ध्रुव जी को बधाई एवं शुभकामनाएं.’’

बघेल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘अकेले कोई नहीं लड़ता, सेना लड़ती है और सेना जीतती है. मुझे हर्ष और गर्व हो रहा है. साथ में मै भावुक भी हूं.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘माननीय प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम जी, मंत्री जयसिंह अग्रवाल जी, भाई गिरीश देवांगन ओर अटल श्रीवास्तव सहित पूरी टीम ने जो अथक मेहनत की है, उसे मेरा सलाम है. सारे साथी विधायकों का भी धन्यवाद जो मरवाही में लगातार जुटे रहे.’’

मरवाही में कांग्रेस की जीत पर राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मरवाही की जनता ने जनादेश दे दिया है. जनता का जनादेश सर्वमान्य हैं, सर्वथा स्वीकार्य हैं. लोकतंत्र में हार जीत स्वाभाविक प्रक्रिया है.’’ साय ने कहा है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की और लगातार हम सभी ने बीजेपी के पक्ष में परिणाम लाने का प्रयास किया.

उन्होंने कहा, ‘‘भले ही हम मरवाही उपचुनाव हार गए हैं लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता 50-50 विधायकों, 10-10 मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री से लड़े हैं, जिन्हें तीन दिन तक मरवाही प्रवास पर रहना पड़ा. सत्ता पक्ष, शासन, प्रशासन से लड़े, ऐसे में मरवाही उपचुनाव में बीजेपी कार्यकर्ता की ही जीत हुई है. बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिश्रम और समर्पण ने ही पूरी प्रदेश कांग्रेस और सरकार को मरवाही के एकमात्र उपचुनाव में उतरने पर मजबूर कर दिया.’’

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी एवं विधायक रेणु जोगी ने कहा, ‘‘मरवाही के जनादेश का सम्मान है, लेकिन मरवाही उपचुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे की तरफ से सभी चार प्रत्याशियों अमित जोगी, ऋचा जोगी, पुष्पेश्वरी कंवर और मूलचंद कुशराम का शासन का दुरुपयोग करके नामांकन रद्द करवा अकेले ही चुनाव में उतरी कांग्रेस ने जीत हासिल की है.’’

रेणु जोगी ने कहा है कि यह जीत पूरे चुनाव में जोगी परिवार को नजरबंद करके हासिल की गई है, इसलिए इस जीत को जनता का आदेश कम और सत्ता शासन के दबाव में जबरदस्ती हासिल की गई जीत कहना ज्यादा उचित है. मरवाही विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2000 में नए राज्य के गठन के बाद से यह सीट जोगी परिवार के पास ही थी.

बीते 29 मई को अजीत जोगी की मृत्यु के बाद रिक्त हुई इस सीट के लिए उपचुनाव कराया गया. मरवाही उपचुनाव में जीत के साथ ही राज्य के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास अब 70 सीट हो गई हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी के पास 14 सीट, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पास चार सीट तथा बहुजन समाज पार्टी के पास दो सीटें हैं. इससे पहले राज्य में दंतेवाड़ा और चित्रकोट विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव कराए गए थे. दोनों उपचुनावों में भी राज्य में सत्ताधारी दल ने जीत हासिल की थी.