CM भूपेश बघेल बोले- 3 दिन से निर्मला और अनुराग का धारावाहिक चल रहा है, लेकिन पल्ले...
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 3 दिन से निर्मला जी और अनुराग जी का धारावाहिक चल रहा है.
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) तीन दिनों से रोजाना 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को अलग-अलग हिस्सों में बांट रही हैं. इस पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 3 दिन से निर्मला जी और अनुराग जी का धारावाहिक चल रहा है, रोज एक-एक वर्ग के बारे में हिन्दी और अंग्रेजी में दोनों समझा रहे हैं परन्तु पल्ले किसी के नहीं पड़ रहा है, जब ये धारावाहिक पूरा समाप्त हो जाएगा तभी कोई प्रतिक्रिया देना ठीक होगा.
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि श्रमिकों और अन्य व्यक्तियों के अंतरराज्जीय तथा राज्य के भीतर परिवहन में होने वाले व्यय के भुगतान का प्रावधान राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) में होना चाहिए. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतरराज्जीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान के लिए एसडीआरएफ में समुचित प्रावधान करने का अनुरोध किया है.
मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य के 1.50 लाख से अधिक श्रमिक तथा अन्य व्यक्ति अन्य राज्यों में अवरुद्ध हैं तथा लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण वह अपने गृह राज्य छत्तीसगढ़ की वापसी के लिए उत्सुक हैं. इसमें कहा गया है कि अन्य राज्यों से श्रमिकों की वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. लगभग 27 हजार से अधिक श्रमिक स्वयं के साधनों तथा राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई बस सुविधा से गृह राज्य लौट चुके हैं.
इसके अतिरिक्त लगभग एक लाख 32 हजार श्रमिकों को रेल तथा बसों के माध्यम से लाने की प्रक्रिया 11 मई से प्रारंभ हो चुकी है. श्रमिकों के लिए रेल तथा बस परिवहन में हुए व्यय का भुगतान एसडीआरएफ से किए जाने का प्रावधान वर्तमान में नहीं है. बघेल ने पत्र में लिखा है कि केन्द्र सरकार द्वारा कोविड-19 को आपदा की श्रेणी में रखा गया है.
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उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के 14 मार्च 2020 के पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि इस पत्र में राज्य आपदा मोचन निधि से पृथक-वास में रखे जाने, व्यक्तियों के नमूना संग्रह और जांच के उपाय के लिए एसडीआरएफ की राशि में से 25 प्रतिशत सीमा तक व्यय किए जाने का प्रावधान रखा गया है.
इसके अतिरिक्त कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रयोगशाला की स्थापना, आवश्यक उपकरणों का क्रय, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन सेवाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा किट क्रय किए जाने, थर्मल स्कैनर, वेंटिलेटर, वायु शुद्धिकरण यंत्र तथा अस्पताल में प्रयुक्त होने वाली अन्य सामग्री क्रय किए जाने के लिए एसडीआरएफ राशि से 10 प्रतिशत सीमा तक व्यय का प्रावधान रखा गया है.
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है. इन परिस्थितियों में श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान के लिए एसडीआरएफ में समुचित प्रावधान किया जाना आवश्यक है. अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने इस संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय को यथोचित निर्देश देने का अनुरोध प्रधानमंत्री मोदी से किया है.
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