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फर्जी बिलों के जरिये धोखाधड़ी करने के आरोप में व्यवसायी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में केंद्रीय जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अधिकारियों ने फर्जी कंपनियों द्वारा जारी बोगस बिलों के आधार पर लगभग 12.53 करोड़ का गलत इनपुट टैक्स छूट लेने के आरोप में कारोबारी को गिरफ्तार किया है.

Updated on: 13 Sep 2020, 08:46 AM

रायपुर:

छत्तीसगढ़ में केंद्रीय जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अधिकारियों ने फर्जी कंपनियों द्वारा जारी बोगस बिलों के आधार पर लगभग 12.53 करोड़ का गलत इनपुट टैक्स छूट लेने के आरोप में कारोबारी को गिरफ्तार किया है. केंद्रीय जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि अधिकारियों ने आज कारोबारी शुभम सिंघल को गिरफ्तार कर लिया.

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उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों ने सिंघल के मेसर्स अधिराज सीमेंट्स के दफ्तर में हुई तलाशी की कार्रवाई में कई दस्तावेज जब्त किए. जिसे जांच करने पर पाया गया की मेसर्स अधिराज सीमेंट्स ने विभिन्न फर्जी कंपनियों के द्वारा जारी बोगस बिलों के आधार पर लगभग 12.53 करोड़ का गलत इनपुट टैक्स लिया है. जब्त किए गए कागजात और दस्तावेजों की जांच अभी जारी है और आगे की जांच में जीएसटी अपवंचन और अधिक हो सकती है.

अधिकारियों ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में पाया गया की मेसर्स अधिराज सीमेंट्स ने फर्जी फर्म मेसर्स यूनाइटेड इस्पात, रायपुर द्वारा जारी 82.10 करोड़ के बोगस बिलों पर 12.53 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया और उसे अपने जीएसटी अदायगी के लिए गलत उपयोग किया.

उन्होंने बताया कि मेसर्स यूनाइटेड इस्पात, रायपुर एक फर्जी कंपनी है जिसके नाम का उपयोग केवल बोगस बिलों को जारी करने के लिया गया है. जांच के दौरान पाया गया कि शुभम सिंघल, पार्टनर मेसर्स अधिराज सीमेंट्स के द्वारा जानबूझ कर बोगस बिलों का उपयोग गलत रूप से किया गया.

अधिकारियों ने बताया कि शुभम सिंघल के द्वारा बोगस बिलों का उपयोग जीएसटी कि धारा 132 के तहत दंडनीय है. इसलिए शुभम सिंघल को वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम कि धारा 69(1) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया.