Chhattisgarh: सरगुजा मेडिकल कॉलेज में बड़ी लापरवाही, दो घंटे बंद रहा वेंटिलेटर, चार मासूम की मौत
देश के मध्य इलाके से बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल छत्तीसगढ़ में एक दर्दनाक हादसे ने हर किसी को दुखी कर दिया है.
highlights
- छत्तीसगढ़ में बड़ा हदासा
- अस्पताल में दो घंटे बद रहा वेंटिलेटर
- चार नवजात की मौत से मचा हंगामा
New Delhi:
Chhattisgarh News: देश के मध्य इलाके से बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल छत्तीसगढ़ में एक दर्दनाक हादसे ने हर किसी को दुखी कर दिया है. यहां एक अस्पताल में पावर कट के चलते दो घंटे तक वेंटिलेटर बंद रहा. नतीजा इस लापरवाही के चलते चार बच्चों की मौत हो गई. इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन भी सकते में आ गया है. मामला सरगुजा मेडिकल कॉलेज का है. यहां पर दो घंटे तक आईसीयू का वेंटिलेटर बंद रहा. इसके चलते चार नवजातों की जान चली गई है. इसके बाद मृतकों के परिजनों ने अस्पताल में ही जमकर हंगामा शुरू कर दिया और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप भी लगाया. वहीं मंत्री टीएस सिंह सचदेव ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक ये घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि देर रात को सरगुजा मेडिकल कॉलेज में बिजली चली गई थी. ऐसे में आईसीयू जैसी जगह पर भी जनरेटर नहीं चला और बत्ती गुल होने की कीमत चार नवजात बच्चों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ी.
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जैसे ही इस हादसे के बारे में मृतकों के परिजनों को भनक लगी. अस्पताल में हड़कंप मच गया. परिवार के लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे मामला और गंभीर होता चला गया और हंगामे में कई अन्य लोग भी शामिल हो गए. इन लोगों का आरोप था कि, अस्पताल में घोर लापरवाही के चलते ही ये हादसा हुआ है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर तुरंत सरगुजा कलेक्टर भी पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने मामले को शांत कराने की कोशिश भी की और शिशु वार्ड का निरीक्षण भी किया.
46 बच्चे थे एडमिट
मिली जानकारी के मुताबिक, घटना के वक्त अस्पताल में 46 मासूम एडमिट थे. इनमें से कई बच्चों की स्तिथि नाजुक होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. लेकिन जैसे ही बिजली गई दो घंटे तक वेंटिलेटर बंद रहा. इसी बड़ी लापरवाही के चलते बड़ा हादसा हो गया. बताया जा रहा है कि, इस दौरान ऑक्सीजन सप्लाइ पूरी तरह प्रभावित हो गई थी.
अस्पताल ने किया ये दावा
एक तरफ जहां मृतकों के परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, वहीं हॉस्पिटल ने इसके उलट अपना कुछ और दावा कर रहा है. अस्पताल का कहना है कि बिजली सिर्फ आधे घंटे के लिए बंद हुई थी. अस्पताल का कहना है कि मरने वालों में से दो बच्चों की हालात बहुत नाजुक थी और उनकी मौत सामान्य तरीके से हुई है.
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जांच का आदेश जारी
इस मामले को लेकर प्रशासन और सरकार दोनों की सख्त रवैया अपनाते नजर आ रहे हैं. सरगुजा हेल्थ मिनिस्टर टीएस सिंहदेव ने इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. उन्होंने बच्चों की मौत के कारण और बिजली कब से कब बंद रही, इस दौरान क्या-क्या लापरवाही हुई आदि पर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है. इस मामले की जांच का जिम्मा स्वास्थ्य सचिव आर प्रसन्ना को सौंपा गया है.
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