राजधानी रायपुर में स्थित छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल (अंबेडकर अस्पताल) की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सरकारी अस्पताल में भर्ती जिंदा महिला मरीज को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और फिर उसे परिजनों को सौंप दिया. लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले परिजनों को महिला की पल्स चलते मिलीं तो वो हैरान रह गए. उन्होंने दूसरे निजी अस्पताल में महिला की जांच कराई तो परिजनों के साथ डॉक्टर्स भी अचंभित रह गए. क्योंकि महिला की जान निकली नहीं थी, वह जिंदा थी. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में बिना इलाज के महिला की बाद में मौत हो गई.
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जानकारी के अनुसार, महिला को बीमारी के बाद उसे राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. लेकिन बुधवार को महिला मरीज को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. बाद में महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन उसे मुक्तिधाम लेकर पहुंचे. महिला को मृत समझकर उसके अंतिम संस्कार की तैयारी भी पूरी कर ली गई थी. उसे चिता पर लेटा दिया गया था और मुखाग्नि दिए जाने की तैयारी थी.
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इसी बीच परिजनों को महिला की पल्स चलते मिली. उनका मन नहीं माना तो उन्होंने निजी अस्पताल के डॉक्टरों से इसकी जांच कराई. जांच में पता चला कि महिला जिंदा है. आनन-फानन में इसकी जानकारी परिजनों ने डॉक्टरों को दी और महिला को अर्थी से वापस अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस संबंध में अभी ये प्रारंभिक जानकारी ही सामने आई है. पूरी जानकारी लिए जाने का प्रयास किया जा रहा है. इस मामले में अभी तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई भी अधिकृत जानकारी सामने नहीं आई है. ये महिला कुशालपुर की रहने वाली बताई जा रही है. हालांकि अस्पताल पुनः लाने के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इस पूरे प्रकरण को लेकर अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही
- डॉक्टर्स ने महिला को किया मृत घोषित
- चिता पर लेटाया तो चलती मिली नसें