छत्तीसगढ़: ACB की टीम ने 3 सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)की टीम ने अलग-अलग जिलों में कार्रवाई कर तीन शासकीय कर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. एसीबी के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को अंबिकापुर, बिलासपुर जिले के बिल्हा और कोण्डागांव में कार्रवाई कर तीन आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा है.

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Vineeta Mandal
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Bribes( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)की टीम ने अलग-अलग जिलों में कार्रवाई कर तीन शासकीय कर्मियों (Government Employees) को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. एसीबी के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को अंबिकापुर, बिलासपुर जिले के बिल्हा और कोण्डागांव में कार्रवाई कर तीन आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा है.

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अधिकारियों ने बताया कि अंबिकापुर निवासी लोचन सिंह के पिता लघुराम जल संसाधन विभाग में चौकीदार के पद पर पदस्थ थे. लघुराम वर्ष 2015 में अपने पद से सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन उन्हें ग्रेच्युटी और पेंशन का पैसा नहीं मिला है. इस पैसे को निकालने के लिए जल संसाधन विभाग में पदस्थ लिपिक विनय कुमार सिन्हा ने आवेदक लोचन सिंह से सात हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी. इस कार्य के लिए सिंह ने सिन्हा को तीन हजार रुपये दे दिए थे. साथ ही सिंह ने सिन्हा की शिकायत एसीबी में की थी.

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उन्होंने बताया कि एसीबी में शिकायत के बाद ब्यूरो की टीम ने बृहस्पतिवार को सिन्हा को सिंह से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने बताया कि बिलासपुर जिले के बिल्हा क्षेत्र के निवासी गणेश राम साहू (26 वर्ष) राजमिस्त्री का काम करता है. उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित होने वाले मकानों के लिए हितग्राहियों को प्राप्त होने वाली राशि जारी करवाना था. इसके एवज में नगर पंचायत बिल्हा में पदस्थ अधिकारी अमन पालीवाल ने साहू से 70 हजार रुपये की मांग की थी. साहू ने इसकी शिकायत एसीबी में की थी.

उन्होंने बताया कि शिकायत के बाद एसीबी की टीम ने बिल्हा रेलवे स्टेशन के करीब पालीवार को साहू से रिश्वत की पहली किस्त 20 हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने बताया कि केसकाल क्षेत्र के निवासी जुबेर मेमन ने प्रधानमंत्री रोजगार निर्माण कार्यक्रम में ऋण लेने के लिए आवेदन किया था. इस सब्सिडी वाले ऋण के लिए आवेदन करने पर खादी ग्रामोद्योग कोण्डागांव के सहायक संचालक नितिन बैस ने मेमन से 30 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी.

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उन्होंने बताया कि प्रार्थी मेमन ने आरोपी बैस को 15 हजार रुपये रिश्वत देने के लिए मनाया तथा इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में कर दी. बाद में एसीबी की टीम ने आरोपी बैस को मेमन से रिश्वत की पहली किस्त पांच हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है.

Source : Bhasha

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