योगी सरकार (Yogi Government) ने अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. अब इन पदों पर भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल कर दी गई है, जबकि पहले यह इंटरमीडिएट थी. इसके अलावा, सिर्फ स्थानीय अभ्यर्थियों को ही नौकरी का मौका मिलेगा.
क्या बदले हैं भर्ती के नियम?
पहले इंटरमीडिएट पास अभ्यर्थियों को ही आवेदन करने की अनुमति थी, लेकिन अब हाईस्कूल पास अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं.
जिस जिले का विद्यालय होगा, उसी जिले के स्थानीय निवासी को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के जरिए पारदर्शी तरीके से की जाएगी.
अभ्यर्थियों के लिए क्या बदलेगा?
- स्थानीय युवाओं को अपने जिले में नौकरी का बेहतर अवसर मिलेगा.
- राज्यभर में आवेदन करने का मौका नहीं रहेगा, जिससे भर्ती के अवसर कुछ सीमित हो जाएंगे.
- सरकार का मानना है कि सफाई कर्मी और अन्य चतुर्थ श्रेणी के पदों पर मिलने वाला वेतन इतना नहीं होता कि अभ्यर्थी दूसरे जिले में जाकर नौकरी कर सकें, इसलिए स्थानीय भर्ती को बढ़ावा दिया गया है.
आउटसोर्स कर्मियों की सैलरी में बढ़ोतरी
- योगी सरकार ने अपने नौवें बजट में आउटसोर्स कर्मियों के वेतन में भी बढ़ोतरी की है.
- अब न्यूनतम वेतन ₹16,000 से ₹18,000 तक होगा, जबकि पहले ₹8,000-₹10,000 ही मिलते थे.
- इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू बनाने के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जाएगा.
नई योजनाओं का ऐलान भी हुआ
- सरकार ने कई अन्य योजनाओं की भी घोषणा की है, जिनमें महापुरुषों के नाम पर नई योजनाएं शामिल होंगी.
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दी जाने वाली राशि ₹51,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है.
- विधवा पुनर्विवाह और उनकी पुत्रियों की शादी के लिए अनुमन्य सहायता राशि भी ₹1,00,000 कर दी गई है.
योगी सरकार के इस फैसले से एडेड स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी भर्ती के नियमों में पारदर्शिता आएगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार का बेहतर मौका मिलेगा. इसके अलावा, आउटसोर्स कर्मियों की सैलरी बढ़ाने और नई योजनाओं से आम जनता को भी फायदा होगा.अब देखना होगा कि ये बदलाव जमीनी स्तर पर कितना असर दिखाते हैं.
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