Bihar News: वाह रे ! विकास की नई तस्वीर, इस स्कूल में कक्षा के अंदर होते हैं भैंस

शिक्षक स्कूल के बाहर पेड़ के नीचे बैठे होते है और भैंस कक्षा के अंदर होते हैं. स्कूल का हाल बदहाल है. सहरसा के महिषी गांव की यह तस्वीर आप देख हैरान हो जाएंगे. स्कूल की जर्जर इमारत जो कभी भी गिर सकती है.

शिक्षक स्कूल के बाहर पेड़ के नीचे बैठे होते है और भैंस कक्षा के अंदर होते हैं. स्कूल का हाल बदहाल है. सहरसा के महिषी गांव की यह तस्वीर आप देख हैरान हो जाएंगे. स्कूल की जर्जर इमारत जो कभी भी गिर सकती है.

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Rashmi Rani
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कक्षा के अंदर भैंस ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

सरकार एक तरफ तो दावा करती है कि उसने बिहार की तस्वीर बदली है. विकास की नई लकीर खींची है, लेकिन सरकार के दावे बिहार के स्कूलों में हवा हो जाते हैं, तभी तो सहरसा जिले के सरकारी हाई स्कूल के बदहाली पर नजर किसी की नहीं गई. जिला संस्कृत हाई स्कूल महिषी की बदहाली की तस्वीर देख आप समझ जायेंगे की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यहां विभागीय स्तर पर अगर कुछ कमी रह गई है, तो ग्रामीण इसे पूरा कर दे रहे हैं. आस पास के लोग अपने मवेशी को स्कूल के भवन में रखते हैं. भैंस, बैल आदि का चारा और गोबर सब स्कूल के भवन में रखते है. यहां छात्रों की पढ़ाई के लिए दूर दूर तक कोई व्यवस्था नहीं है. 

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भैंस होते हैं कक्षा के अंदर 

शिक्षक स्कूल के बाहर पेड़ के नीचे बैठे होते है और भैंस कक्षा के अंदर होते हैं. स्कूल का हाल बदहाल है. सहरसा के महिषी गांव की यह तस्वीर आप देख हैरान हो जाएंगे. स्कूल की जर्जर इमारत जो कभी भी गिर सकती है. जिस इमारत के सभी कक्षा में छात्र के बदले मवेशी रहते हैं. सोचिए कैसे पढ़ते होंगे यहां नौनिहाल, कैसे इस बदहाली में अपना भविष्य गढ़ते होंगे. इस मामले में ना जाने कितनी दफा शिक्षा विभाग से शिकायत की गई, लेकिन व्यवस्था इस तरह सो रही है कि मानो उन्हें नौनिहालों की फिक्र ही नहीं है. बच्चे स्कूल नहीं आ पाते अगर आते भी हैं तो पेड़ की छांव में बैठकर पढ़ते हैं. इस स्कूल की बदहाली की गूंज जिला अधिकारी के अलीशान दफ्तर में बैठे अधिकारियों की कान तक सुनाई नहीं पड़ रही है.

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छात्र पढ़ते हैं पेड़ के नीचे बैठकर 

दरअसल वर्षों की बदहाली का ये असर है बिना किसी कक्षा के 12 से अधिक छात्र यहां पढ़ते हैं. बता दें कि इस स्कूल में प्रिंसिपल समेत 4 कर्मचारी हैं जोकि वहां आकर दिन में बैठते हैं और फिर घर वापस चले जाते हैं. भवन के कमी के कारण छात्र भी यहां नहीं आना चाहते हैं. कभी - कभी  कुछ छात्र यहां आ जाते हैं तो वह भी पेड़ की छांव के नीचे बैठते हैं. हालांकि वर्ष 2020 में विधायक निधि कोश से एक भवन का निर्माण करवाया गया जोकि अभी भी अधूरा है. जिला के इंजीनियर से प्रिंसिपल ने कई बार दरख्वास्त भी की भवन की चाबी उन्हें सौंपी जाए, लेकिन अब तक 3 वर्षों में दो कमरे का बिल्डिंग यहां के इंजीनियर तैयार नहीं कर पाए हैं.

रिपोर्ट - मथुरेश 

HIGHLIGHTS

  • आस पास के लोग अपने मवेशी को स्कूल के भवन में रखते हैं
  •  छात्रों की पढ़ाई के लिए दूर दूर तक कोई व्यवस्था नहीं
  • शिक्षक स्कूल के बाहर और भैंस होते हैं कक्षा के अंदर
  •  3 वर्षों में दो कमरे का बिल्डिंग तैयार नहीं कर पाए इंजीनियर 

Source : News State Bihar Jharkhand

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