Bihar News: डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंची महिला, न डॉक्टर मिले न स्वास्थ्यकर्मी, फिर क्या हुआ?

सुपौल में स्वास्थ्य व्यवस्था हासिये पर है. खासकर जिले के त्रिवेणीगंज में अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र तक की स्थिति चरमराई हुई है.

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Jatin Madan
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चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था से परेशान मरीज.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

सुपौल में स्वास्थ्य व्यवस्था हासिये पर है. खासकर जिले के त्रिवेणीगंज में अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र तक की स्थिति चरमराई हुई है. पूरी व्यवस्था भगवान भरोसे संचालित है. प्रसव पीड़ा होने पर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची महिला को न डॉक्टर मिले न स्वास्थ्यकर्मी. मामला सुपौल के बाजितपुर अस्पताल का है. यहां स्वास्थ्यकर्मी अकसर नदारद रहते हैं. इस अस्पताल की उस वक्त पोल खुल गई जब डिलीवरी के लिए अस्पताल में एक महिला पहुंची, लेकिन उसे मौके पर न डॉक्टर मिले और न ही स्वास्थ्यकर्मी. दरअसल गोनहा के रहने वाले जगदीश सादा अपनी पोती प्रियंका देवी की डिलीवरी कराने के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बाजितपुर पहुंचे, लेकिन देर शाम तक न तो उन्हें कोई डॉक्टर मिला और न ही स्वास्थ्यकर्मी. जिसके बाद देरी होता देख ये महादलित परिवार रात में एक निजी क्लीनिक पहुंचा जहां उसकी डिलीवरी कराई गई.

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चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था से परेशान मरीज

स्थानीय लोगों के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार ने साल 2012 में यहां के 4 पंचायत के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा गांव में ही मुहैया कराने के उद्देश्य से इस अस्पताल की नींव रखी थी. वहीं, कोविड-19 के दौरान साल 2020 में इस अस्पताल को चालू किया गया. साल 2022 में डीएम कौशल कुमार ने भव्य तरीके से यहां सभी सुविधाओं की शुरुआत की थी. उद्घाटन के कुछ दिनों तक अस्पताल चला भी, लेकिन महज एक साल भी नहीं हुआ कि अब ये अक्सर बंद ही रहता है. लोगों का आरोप है कि त्रिवेणीगंज अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक को फोन करने पर वो कहते हैं कि बाजितपुर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र उनकी पॉकेट में है वो जब चाहेंगे वो खुलेगा..अन्यथा बंद रहेगा. जबकि सिविल सर्जन का कहना है कि अस्पताल के नियमित संचालन के त्रिवेणीगंज अनुमंडल उपाधीक्षक को निर्देश दिये गए हैं.

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मजबूरी में निजी क्लिनिक में कराई डिलीवरी

बहरहाल, निजी क्लीनिक में महिला की डिलीवरी हो गई, लेकिन इस वाकये ने एक बार फिर पूरे स्वास्थ्य सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल ये भी उठता है कि अगर प्रसूता और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को कुछ हो जाता तो इसकी जवाबदेही किसकी होती?

रिपोर्ट : केशव कुमार

HIGHLIGHTS

  • बिहार में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था
  • चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था से परेशान मरीज
  • डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंची महिला

Source : News State Bihar Jharkhand

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