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हेमंत सरकार ने 26 हजार पदों पर निकाली वैकेंसी, नौकरी पर मचा सियासी बवाल, जानें क्यों?

हेमंत सरकार ने युवाओं के रोजगार के लिए एक साथ 26 हजार पदों पर विज्ञापन क्या निकाला. सूबे में सियासी बवाल शुरू हो गया. कल तक रोजगार को लेकर सरकार को घेरने वाली बीजेपी एक बार फिर जुबानी तीर दागने लगी.

Updated on: 21 Jul 2023, 03:51 PM

highlights

  • हेमंत सरकार ने 26 हजार पदों पर निकाली वैकेंसी
  • नौकरी पर मचा सियासी बवाल
  • 60/40 फॉर्मूले पर नाराजगी

 

Ranchi:

हेमंत सरकार ने युवाओं के रोजगार के लिए एक साथ 26 हजार पदों पर विज्ञापन क्या निकाला. सूबे में सियासी बवाल शुरू हो गया. कल तक रोजगार को लेकर सरकार को घेरने वाली बीजेपी एक बार फिर जुबानी तीर दागने लगी. इस बार सवाल नियुक्ति प्रक्रिया की है और निशाने पर हेमंत सरकार है. दरअसल, झारखण्ड के इतिहास में पहली बार एक साथ 26 हजार पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया है. जिन 26 हजार पदों के लिए विज्ञापन निकला है, वो सभी राज्य के स्कूलों में नियुक्त किए जाने वाले सहायक टीचर के पद हैं. सरकार युवाओं की नियुक्ति 60:40 के फॉर्मूले पर करेगी जिससे बीजेपी बिफर गई है और सरकार से सवाल कर रही है. बीजेपी के सवाल का दो टूक जवाब सत्ता पक्ष के मंत्री दे रहे हैं, जहां सत्ता पक्ष का कहना है कि सरकार 60:40 के फॉर्मूले के आधार पर नियुक्ति करेगी. 

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26 हजार पदों पर वैकेंसी के बाद मचा सियासी बवाल

इतना ही नहीं मंत्रियों ने तो बीजेपी पर झारखंड के नौजवानों का हक और अधिकार छीनने का आरोप भी लगा दिया. युवाओं की नियुक्ति को लेकर वार-पलटवार का दौर जारी है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर 60:40 फार्मूल पर सियासत हो क्यों रही है. दरअसल झारखंड के युवा नई नियोजन नीति का विरोध कर रहे हैं. साथ ही नई नीति में 60/40 फॉर्मूले पर नाराजगी जता रहे हैं. इस फॉर्मूले के तहत नौकरियों में 60% सीटों पर ही आरक्षण लागू है. यानी 60 फीसदी सीटों पर स्थानीय युवाओं की नियुक्ति होगी. बाकी 40 फीसदी सीटें ऑपन टू ऑल है, यानी 40 फीसदी सीटों के लिए स्थानीय होना अनिवार्य नहीं है.

60/40 फॉर्मूले पर नाराजगी

अब झारखंड के युवाओं को ये नीति रास इसलिए नहीं आ रही, क्योंकि इसमें 40 फीसदी सीटों को सभी के लिए छोड़ दिया गया है. यही वजह है कि बीजेपी भी युवाओं की नाराजगी के सहारे अपनी सियासी रोटियां सेक रही है क्योंकि सामने 2024 की लड़ाई है और तमाम सियासी दल अपने विरोधियों को पटखनी देने की तैयारी में है. यही वजह है कि जहां सरकार रोजगार देकर चुनावी वैतरनी पार करने की कोशिश कर रही है. तो वहीं विपक्ष भी नियोजन के मुद्दे पर सरकार को घेर रही है.