‘जीत की क्षमता’ देख होगा बिहार में राजग के घटक दलों में सीटों का ‘सम्मानजनक’ बंटवारा : भूपेंद्र यादव

उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे और केंद्र में भाजपा की नीतियों और बिहार में राजग सरकार की उपलब्धियों के आधार पर यह गठबंधन मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरेगा.

उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे और केंद्र में भाजपा की नीतियों और बिहार में राजग सरकार की उपलब्धियों के आधार पर यह गठबंधन मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरेगा.

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yogesh bhadauriya
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बीजेपी बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव

फाइल फोटो( Photo Credit : News Nation)

भाजपा महासचिव और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव का कहना है कि राज्य विधानसभा के आगामी चुनाव में ‘‘विनेबिलिटी’’ यानी जीत की क्षमता के आधार पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच सीटों का ‘‘सम्मानजनक’’ बंटवारा होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे और केंद्र में भाजपा की नीतियों और बिहार में राजग सरकार की उपलब्धियों के आधार पर यह गठबंधन मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरेगा. ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर भी करारा हमला किया और कहा कि बिहार विधानसभा का चुनाव ‘‘भारत निर्माण’’ की लड़ाई  है ना कि ‘‘किसी परिवार’’ को सत्ता और सिंहासन पर पहुंचाने की.

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राजग के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के फार्मूले के सवाल पर भाजपा महासचिव ने कहा, ‘‘तीनों दलों में आपस में बातचीत चल रही है. सम्मानपूर्वक तरीके से गठबंधन में ‘विनेबिलिटी’ को देखते हुए हम सीटों को आपस में वितरित करेंगे और सही समय पर इसका निर्णय हो जाएगा.’’ यादव पिछले दिनों बिहार दौरे पर थे.

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इस दौरान उन्होंने संगठन स्तर पर कई बैठकें की और साथ ही गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा नेता चिराग पासवान से भी अलग-अलग चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा, जदयू और लोजपा का गठबंधन मजबूती के साथ बिहार के चुनाव में उतरेगा. केंद्र में भाजपा की नीतियों और बिहार में गठबंधन सरकार की उपलब्धियों के आधार पर हम चुनाव लड़ेंगे.’’ राजस्थान से भाजपा के राज्यसभा सदस्य यादव ने कहा, ‘‘मैंने सभी जिलों में स्पष्टता के साथ कार्यकर्ताओं से बातचीत की और पार्टी में एक स्पष्ट निर्णय है कि वह गठबंधन में चुनाव लड़ेगी.

बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हैं.’’ राज्य में कोरोना संकट, बाढ़ की स्थिति के अलावा भ्रष्टाचार और अपराध जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘‘सुशासन बाबू’’ की छवि पर उठ रहे सवालों को उन्होंने विपक्षी दलों का ‘‘राजनीतिक स्वार्थ’’ बताया. उन्होंने कहा जहां तक कोरोना और बाढ़ का सवाल है, बिहार की सरकार पूरी ‘‘सजगता’’ के साथ इनका मुकाबला कर रही है और स्थिति को नियंत्रण में करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की भौगोलिक स्थिति के कारण हर वर्ष बाढ़ आती है. उसका भी निपटारा किया जा रहा है. लेकिन मुझे लगता है कि सजगता के साथ एक सुशासन देकर हम स्थिति का पुरजोर तरीके से मुकाबला कर रहे हैं.’’

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यादव ने कहा कि बिहार में राजग के शासनकाल में 10 फीसद की आर्थिक विकास दर को हासिल किया, बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं को पूरा किया है और लड़कियों की शिक्षा व शराबबंदी जैसे विषय पर बिहार में अभूतपूर्व सामाजिक कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में जनसहभागिता के आधार पर हमने सुशासन को स्थापित किया है. विपक्ष के पास कुछ कहने लायक मुद्दे नहीं हैं.

इसलिए उनके आरोप केवल राजनीतिक आरोप हैं. जनता इस बात को अच्छी तरह समझती है.’’ उल्लेखनीय है कि बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कोरोना संक्रमण, बाढ़, भ्रष्टाचार और अपराध जैसे मुद्दों पर बिहार सरकार के सुशासन के दावों को लेकर हमलावर हैं और लगातार सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पिछले दिनों बिहार में कोरोना वायरस के तेजी से पैर पसारने को लेकर प्रदेश की जदयू-भाजपा सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि वहां की स्थिति ने ‘सुशासन’ का पर्दाफाश कर दिया है. 

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तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए भाजपा महासचिव ने कहा कि बिहार को लेकर उनके पास कोई दृष्टि नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘तेजस्वी ने कौन सा विजन प्रस्तुत किया है? ये लड़ाई कोई राजनीतिक परिवारों की लड़ाई नहीं है. ये देश की जनता को उसका सुरक्षित भविष्य देने की लड़ाई है. देश के नौजवनों की आकांक्षाओं के अनुरूप भारत निर्माण करने की लड़ाई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये भारत निर्माण की लड़ाई है. किसी परिवार को सत्ता और सिंहासन पर पहुंचाने की लड़ाई नहीं है. लड़ाई मूलभूत रूप से सामाजिक समता के सिद्धांतों को घर-घर पहुंचाने की है. इसलिए वे जो कह रहे हैं, उसके कोई मायने नहीं हैं. क्योंकि ना उनकी पार्टी में लोकतंत्र है, ना उनके विचारों में लोकतंत्र हैं और ‘परिवार’ कोई लोकतंत्र नहीं होता है.’’ बिहार का जातिगत समीकरण राजद-नीत महागठबंधन के पक्ष में होने के दावे को खारिज करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उनका ‘‘सामाजिक तानाबाना’’ पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है और उसकी बानगी सभी ने लोकसभा चुनाव में देखी.

उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में उन्हें कोई अपेक्षित सफलता नहीं मिली. बिहार का नौजवान आज उससे (जाति से) आगे विकास के रास्ते पर बढ़ना चाहता है. उसका भविष्य राजग की सरकार और उसकी नीतियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही नजर आता है.’’ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की पुरानी मांग पर भाजपा के राज्य प्रभारी ने कहा कि राजग बिहार के विकास के लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है. उन्होंने दावा किया कि इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से अधिक से अधिक राशि बिहार को पहुंचाई गई है.

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उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों में विकास का जो विशेष अभियान केंद्र सरकार ने चलाया है, उसमें बिहार के पिछड़े जिलों का भी चयन किया गया है. अभी प्रवासी मजदूरों के लिए जो गरीब कल्याण रोजगार अभियान चलाया गया है उसके लिए देश भर में चयनित 118 जिलों में बिहार के 38 जिले भी शामिल हैं. यादव ने इस बात से इंकार किया कि बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रवासी मजदूरों की नाराजगी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को छठ तक बढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की शुरुआत से ही केंद्र सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए.

उन्होंने कहा कि पहले चरण में सरकार ने एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये की जन कल्याण योजना को गरीब कल्याण राशि के रूप में वितरित किया था, जिसका सीधा लाभ 20 करोड़ जनधन खातों में, आठ करोड़ उज्ज्वला खातों में, आठ करोड़ किसानों के खातों में, तीन करोड़ सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत जो पेंशनधारी हैं, उनके खातों में गया है. उन्होंने कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त राशन का वितरण भी किया गया. बिहार सरकार ने राशन वितरण के कार्यक्रम को बहुत सफलतापूर्वक किया है. और अभी जो छठ तक राशि वितरण का कार्यक्रम है, उसको बिहार की सरकार सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर रही है.’’

Source : PTI

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