Gopal Khemka Murder Case: बिहार की राजधानी पटना में 4 जुलाई की रात एक सनसनीखेज घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया. बिजनेसमैन गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई. रात 11:38 बजे जैसे ही वो अपनी गाड़ी से नीचे उतरे, वैसे ही घात लगाए बैठे शूटर ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं. गोलियों की आवाज से इलाके में अफरातफरी मच गई और हमलावर मौके से फरार हो गए.
इस वारदात के बाद पूरे बिहार में खलबली मच गई. आम जनता के मन में एक ही सवाल था, आखिर गोपाल खेमका को किसने और क्यों मारा? इस हाई प्रोफाइल केस को खुद बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने मॉनिटर किया. उनके साथ पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने पूरे मामले की बारीकी से जांच की.
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग
पुलिस टीम ने सबसे पहले पूरे पटना शहर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. इसी जांच के दौरान एक बाइक नजर आई, जो वारदात के वक्त घटनास्थल के पास देखी गई थी. इस बाइक के जरिए शूटर की पहचान की गई और कुछ ही घंटों के भीतर पुलिस ने शूटर को दबोच लिया. आरोपी की पहचान उमेश यादव के तौर पर हुई है.
शूटर ने कबूला जुर्म और बताया पूरा प्लान
गिरफ्तारी के बाद उमेश यादव ने पुलिस पूछताछ में पूरी कहानी बयां कर दी. उसने बताया कि यह मर्डर पूरी तरह से प्लानिंग के तहत हुआ था और इसके पीछे मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि अशोक साव था. उमेश ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले अशोक साव ने उसे ये काम सौंपा था. इसके लिए 4 लाख रुपये की डील तय हुई थी, जिसमें से 50 हजार रुपये एडवांस में दे दिए गए थे और बाकी रकम मर्डर के बाद मिली. पुलिस ने उमेश के पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया पिस्टल, दो मैगजीन और 14 राउंड जिंदा कारतूस बरामद किए हैं.
जमीन विवाद बना हत्या की वजह
डीजीपी के मुताबिक, शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस हत्या के पीछे जमीन का विवाद है. अशोक साव न सिर्फ इस हत्या का मास्टरमाइंड था, बल्कि उसी ने शूटर को हथियार दिए और गोपाल खेमका की मूवमेंट की भी जानकारी दी. पुलिस ने अशोक साव को भी गिरफ्तार कर लिया है और उसके घर से 6 लाख रुपये कैश और भारी मात्रा में जमीन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं. फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि किस जमीन को लेकर इतनी बड़ी साजिश रची गई.
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