आबादी में केवल 18 प्रतिशत, फिर बिहार की राजनीति में मुसलमानों की भूमिका क्यों है इतनी खास?

2023 की जाति आधारित जनगणना के अनुसार बिहार में मुस्लिमों की जनसंख्या कुल आबादी का 17.70 प्रतिशत है. यहां मुसलमानों की आबादी का 70 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान हैं, जो सामाजिक रूप से पिछड़े और गरीब हैं.

2023 की जाति आधारित जनगणना के अनुसार बिहार में मुस्लिमों की जनसंख्या कुल आबादी का 17.70 प्रतिशत है. यहां मुसलमानों की आबादी का 70 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान हैं, जो सामाजिक रूप से पिछड़े और गरीब हैं.

author-image
Mohit Sharma
New Update
Bihar Assembly Election 2025

Bihar Assembly Election 2025 Photograph: (Social Media)

Muslims in Bihar Politics : बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा सातवें आसमान पर है. नेता अपने सुरक्षित राजनीतिक भविष्य के लिए लिबाज की तरह पाले बदल रहे हैं. नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर जोरों पर है. इस बीच मुस्लिम समाज राजनीति के केंद्र में बना हुआ है. विधानसभा चुनाव के बीच बिहार के सभी दलों की नजरें मुस्लिमों पर टिकी हुई हैं. ऐसा तो तब है जब बिहार में मुस्लिमों की आबादी 18 प्रतिशत से भी कम है. बावजूद इसके कोई भी पार्टी मुस्लिमों को इग्नोर करने का साहस नहीं कर पा रही है.

Advertisment

बिहार में मुस्लिमों की जनसंख्या कुल आबादी का 17.70 प्रतिशत 

दरअसल, 2023 की जाति आधारित जनगणना के अनुसार बिहार में मुस्लिमों की जनसंख्या कुल आबादी का 17.70 प्रतिशत है. यहां मुसलमानों की आबादी का 70 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान हैं, जो सामाजिक रूप से पिछड़े और गरीब हैं. हालांकि अगड़े यानी ऊंची जाति के मुस्लिमों की स्थिति जरूर बेहतर है. एजुकेशन की बात करेंतो 3 से 5 प्रतिशत लोग ही हायर एजुकेशन की तरफ जाते हैं. 

बिहार में मुस्लिमों की कुल संख्या 2.31 करोड़

जनसंख्या के हिसाब से देखें तो बिहार में मुस्लिमों की कुल संख्या 2.31 करोड़ है. ऐसी स्थिति में उनकी देखी करना आसान काम नहीं है.  ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन या एआईएमआईएम के नेता अखतरुल इमाम के अनुसार स्वतंत्रता आंदोलन में मुस्लिमों का बड़ा योगदान रहा है. कइयों ने देश की आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी है. लेकिन आजादी के बाद से ही मुस्लिमों के साथ भेदभाव हुआ है. उनकी सामाजिक जीवन और शिक्षा में सुधार के लिए कोई काम नहीं किया गया. परिणाम यह हुआ कि मुसलमान और गरीब होते गए, लेकिन सरकारों ने उनकी कोई सुध नहीं ली. आज भी सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की भागीदारी बेहद कम है. 

बीजेपी की नजर पसमांदा मुसलमानों पर

बिहार में मुस्लिमों की बात करें तो इस बार बीजेपी की नजर पसमांदा मुसलमानों पर है. पार्टी ने इस पसमांदा समुदाय को केंद्र में रखकर पसमांदा सम्मेलन आयोजित करने की बात कही.  यहां तक कि बीजेपी नेताओं ने खुले मंचों से कहा कि पसमांदा समाज उनकी प्राथमिकता में है. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल का दांव भी मुस्लिमों पर लगा हुआ है. लालू यादव और तेजस्वी ने वक्फ बिल का विरोध कर रहे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत अन्य नेताओं की साथ खूब मंच साझा किया. तेजस्वी ने यहां तक कहा कि लोकतंत्र और भाईचारा बचाने के लिए एक रहिए इंशाअल्लाह जीत हमारी होगी. 

क्या कहते हैं आंकड़े

आंकड़ों की बात करें तो बिहार की 247 विधासभा सीटों में से कुल 47 सीटों पर मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका में है. इन सीटों पर मुसलमानोंकी आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है. वहीं, 11 सीटों पर मुस्लिमों की जनसंख्या 40 प्रतिशत के आसपास है. ऐसे में किसी भी राजनीतिक दल की मुस्लिमों की तरफ झुकाव हैरान करने वाला नहीं है. 

Bihar Politics bihar-assembly-election Bihar Politics BJP Bihar Politics Congress bihar politics latest news Bihar Politics Crisis Bihar politicsal News bihar assembly election 2025 Muslims in Bihar Politics
      
Advertisment