बिहार की राजनीति में कैसे चमके संजय सरावगी, क्या होगी आगे की राह?

Who is Sanjay Saraogi: नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद संजय सरावगी को बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. आइए जानते हैं कि आखिर कौन है संजय सरावगी और बिहार की सियासत में कैसे चमके.

Who is Sanjay Saraogi: नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद संजय सरावगी को बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. आइए जानते हैं कि आखिर कौन है संजय सरावगी और बिहार की सियासत में कैसे चमके.

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Dheeraj Sharma
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Who is Sanjay Saraogi

Who is Sanjay Saraogi:बिहार बीजेपी खेमे से एक अहम राजनीतिक खबर सामने आई है. भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक ढांचे में बड़ा फेरबदल करते हुए संजय सरावगी को बिहार प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब एनडीए ने हालिया 2025 विधानसभा चुनावों में मजबूत प्रदर्शन कर अपनी स्थिति और सुदृढ़ की है. माना जा रहा है कि यह नियुक्ति आने वाले राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर की गई है. इस बीच जानते हैं आखिर कौन है संजय सरावगी? कैसे बिहार की राजनीति में चमके.? 

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क्यों अहम है यह नियुक्ति?

 बीजेपी लंबे समय से ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत को सख्ती से लागू करने की दिशा में काम कर रही है. इसी नीति के तहत संगठन और सरकार के बीच संतुलन साधा जा रहा है. मौजूदा उद्योग मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल के पास सरकार की जिम्मेदारी होने के कारण प्रदेश अध्यक्ष पद में बदलाव की अटकलें तेज थीं. अंततः पार्टी नेतृत्व ने संगठन की कमान संजय सरावगी को सौंपने का फैसला लिया.

कौन हैं संजय सरावगी?

संजय सरावगी बिहार के दरभंगा जिले से आने वाले बीजेपी के कद्दावर नेता हैं. मिथिला क्षेत्र में उनकी गहरी राजनीतिक पकड़ मानी जाती है. उनका राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ और धीरे-धीरे वे पार्टी के भरोसेमंद चेहरों में शामिल हो गए. जमीनी राजनीति और संगठनात्मक अनुभव का संतुलन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत माना जाता है. 

बिहार की राजनीति में छाए, 2005 से लगातार दर्ज कर रहे जीत 

संजय सरावगी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत दरभंगा नगर निगम के वार्ड संख्या छह से की, जहां वे पार्षद चुने गए. इसके बाद मार्च 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें दरभंगा नगर से बीजेपी का टिकट मिला और उन्होंने पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में प्रवेश किया. 

उसी वर्ष नवंबर 2005 में दोबारा चुनाव हुए और उन्होंने फिर जीत दर्ज की. इसके बाद 2010, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भी वे लगातार विजयी रहे. इस तरह वे पांच बार से लगातार विधायक हैं, जो उनकी जनस्वीकृति और संगठनात्मक मजबूती को दर्शाता है.

संगठन और शिक्षा जगत में सक्रिय भूमिका

वर्तमान में संजय सरावगी प्राक्कलन समिति के सभापति हैं. इसके अलावा वे दो कॉलेजों के शासी निकाय अध्यक्ष और दो विश्वविद्यालयों में अभिषद सदस्य भी हैं. इससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी भूमिका केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि शैक्षणिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में भी उनका प्रभाव है.

मंत्रिमंडल से बाहर, संगठन में बड़ी जिम्मेदारी

इस बार के बिहार मंत्रिमंडल विस्तार में संजय सरावगी को मंत्री पद नहीं मिला था, जिसे राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग नजरिए से देखा जा रहा था. लेकिन अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने साफ संकेत दिया है कि संगठन में उनकी भूमिका कहीं अधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

क्या होगी आगे की राह?

संजय सरावगी की ताजपोशी से यह उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी बिहार में संगठन को और मजबूत करेगी, खासकर मिथिला और शहरी क्षेत्रों में. अब सभी की नजर इस पर टिकी है कि उनके नेतृत्व में बिहार बीजेपी किस दिशा में आगे बढ़ती है और आने वाले चुनावी मुकाबलों में यह बदलाव कितना असर दिखाता है. 

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