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वाह रे भ्रष्टाचार, खुद को जिंदा साबित करने के लिए महीनों से कार्यालय का चक्कर काट रहा किसान

जहां एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है. एक 60 वर्षीय व्यक्ति खुद को ही जिंदा साबित करने के लिए महीनों से अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहा है. उसकी खुद की जमीन उसके ही भाई ने उसे मृत घोषित कर उसकी जमीन को अपने नाम कर लिया है

Updated on: 19 Apr 2023, 12:01 PM

highlights

  • महीनों से कार्यालय का चक्कर काट रहा किसान
  • अपने जिंदा होने का सबूत दे रहा है किसान  
  • फर्जी तरीके से भाई ने जमीन पर कर लिया कब्जा 

Bagaha:

अभिनेता पंकज त्रिपाठी की फिल्म कागज तो आपने देखी ही होगी. जिसमें वो जीवित होते हुए भी खुद को जिंदा साबित करने में लगे हुए होते हैं. कुछ ऐसा ही बिहार के बगहा जिले में देखने को मिला है. जहां एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है. एक 60 वर्षीय व्यक्ति खुद को ही जिंदा साबित करने के लिए महीनों से अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहा है. उसकी खुद की जमीन उसके ही भाई ने उसे मृत घोषित कर उसकी जमीन को अपने नाम कर लिया है. 

अपने जिंदा होने का सबूत दे रहा है किसान  

पूरा मामला बगहा के अंचल के बीबी बनकटवा मौजा की है. जहां मानपुर मठिया गांव निवासी 60 वर्षीय अरविंद प्रसाद को अंचल कार्यालय तथा स्थानीय हल्का कर्मचारी छठु उरांव के द्वारा मृत घोषित कर उसके नाम से चल रही जमाबन्दी से दूसरे व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर दिया गया है. जबकी अरविंद प्रसाद अभी जीवित हैं. जो जिंदा होने का सबूत अंचल कार्यालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक देने में जुटे हुए हैं, लेकिन गरीब किसान को सुनने वाला कोई नहीं है.

महीनों से कार्यालय का काट रहे हैं चक्कर 

वहीं, पीड़ित किसान अरविंद प्रसाद की माने तो राजस्व कर्मचारी छठु उरांव द्वारा अंचल कार्यालय की मिलीभगत से विपक्षी पार्टी से मोटी रकम लेकर इस काम को किया गया है. अरविंद प्रसाद ने बताया कि जब मुझे पता चला कि मेरे दस्तावेजी जमीन को फर्जी तरीके से मेरे ही भाई प्रमोद साह ने अपनी पत्नी के नाम बिक्री कर दिया है, तो उसका दाखिल खारिज रुकवाने के लिए सीओ को आवेदन दिया, जिसका रिसीविंग भी मेरे पास है. बावजूद इसके हल्का कर्मचारी छठु उरांव तथा अंचल कार्यालय के अन्य कर्मचारियों से मिलीभगत कर दूसरे पक्ष से मोटी रकम लेकर मुझे मृत घोषित करते हुए गैरकानूनी तरीके से दाखिल खारिज कर दिया गया है. 

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अंचलाधिकारी ने जांच के दिय आदेश 

पीड़ित ने बताया कि पिछले तीन महीने से दाखिल खारिज को रद्द करने और अपने जिंदा होने के सबूत को लेकर अंचल और अनुमंडल कार्यालय का चक्कर काट रहा हूं, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई है. वहीं, इस मामले में अंचलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच कर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सम्बंधित कर्मचारी पर भी कार्रवाई होगी. किन्तु सबसे बड़ा सवाल यह है कि पीड़ित द्वारा अंचल कार्यालय में आवेदन देने के बावजूद भी कैसे इस मामले को अनदेखा कर दिया गया और पीड़ित को स्थानीय हल्का कर्मचारी द्वारा मृत घोषित कर उसके जमीन से उसे बेदखल किया गया.