13 साल बाद दिलीप कुमार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. बता दें कि पश्चिम चंपारण जिले के पूर्व जिला पदाधिकारी दिलीप कुमार पर सर्वोच्च न्यायालय ने आपराधिक मुकदमा चलाने का निर्णय पारित किया है. मामला करनमेया कांड महावीरी अखाड़ा से संबंधित है, जहां पर 2008 में प्रशासन पर एक सामुदाय विशेष को खुश करने का आरोप लगा था. घटना के बाद से यहां पर सदियों से लगते आ रहे दूसरे सामुदाय के कार्यक्रम पर रोक लगा दिया गया था. जिसकी वजह से यहां पर सांप्रदायिक तनाव फैला था. प्रशासन ने उस समय कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इसी कांड में ब्रजराज श्रीवास्तव और विजय कश्यप को गिरफ्तार कर प्रशासन ने जेल भेजा था.
दिलीप कुमार पर चलेगा आपराधिक मुकदमा
जिसको लेकर ब्रजराज श्रीवास्तव ने बेतिया न्यायालय में पूर्व जिलाधिकारी दिलीप कुमार पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और हिंदू समाज को अपमानित करने का एक अपराधिक मुकदमा दायर किया गया था. निचली अदालत यानी जिला अदालत से मुकदमा निरस्त कर दिया, लेकिन हाई कोर्ट ने इसको सही पाया और दिलीप कुमार पर अपराधी मुकदमा चलाने का निर्देश पारित किया. इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय में अपील दाखिल किया गया था.
हिंदू समाज को अपमानित करने का मामला
13 वर्षों के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के निर्णय को सही पाया और दिलीप कुमार पर आपराधिक मुकदमा चलने का आदेश पारित किया है. इसकी जानकारी अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है. मौके पर अधिवक्ता रमन चतुर्वेदी, संतोष कुमार शर्मा, अशोक शर्मा, ओमप्रकाश वर्मा, अशोक कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे.
HIGHLIGHTS
- दिलीप कुमार पर चलेगा आपराधिक मुकदमा
- हिंदू समाज को अपमानित करने का मामला
- 13 वर्षों के बाद सर्वोच्च न्यायालय का आया फैसला
- आपराधिक मुकदमा चलने का आदेश पारित
Source : News State Bihar Jharkhand