2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं. NDA से मुकाबले के लिए INDIA गठबंधन बना है, लेकिन बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर मामला उलझ सकता है. बीजेपी का अभी भी मानना है कि यह गठबंधन बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकता. बीजेपी के विधान पार्षद नवल किशोर यादव की माने तो विपक्षी गठबंधन में पेट पालने वाले परिवार और सिद्धांत विहीन राजनीति करने वाले लोगों का जमावड़ा हुआ है. 2024 में बीजेपी का कोई मुकाबला नहीं कर सकते चाहे कितना भी दोनों का गठबंधन क्यों ना हो. बीजेपी ने दावा किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए 403 सीट जीतेगी और फिर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाएंगे.
JDU-RJD का एक मात्र लक्ष्य
वहीं, INDIA के गठन के बाद विपक्षी दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि किस दल को कितनी सीटें मिलेगी. JDU के विधान पार्षद खालिद अनवर का कहना है कि जब महत्वाकांक्षा होती है तब परेशानी होती है. विपक्षी दलों के सामने एक मात्र लक्ष्य है बीजेपी को सत्ता से हटाना. सभी विपक्षी दल एक जुट होकर चुनाव लड़ेंगे. 40 सीट पर INDIA चुनाव लड़ेगी. सिंबल कोई भी हो यह मायने नहीं रखता. सिम्बल जिसका भी हो, लेकिन लक्ष्य है 40 सीट जीतना. वहीं, RJD का मानना है कि सीट शेयरिंग में कोई परेशानी नहीं होगी. सभी विपक्षी दल मिलकर मोदी को हटाने का लक्ष्य रखे हैं, लेकिन इशारे-इशारों में RJD के वरिष्ठ नेता वृषण पटेल ने कह दिया कि सीट शेयरिंग के समय में सभी राजनीतिक दलों को इस पर सोचना होगा.
पुराने साथी को करना पड़ता था समझौता: कांग्रेस
राहुल गांधी की सदन में वापसी के बाद कांग्रेस उत्साहित है. कांग्रेस का कहना है कि एनडीए भी 38 दलों का गठबंधन है. वहां भी सीट में बंटवारा हो जाता है. यूपीए गठबंधन में भी सीट बंटवारे में कोई परेशानी नहीं होती थी. INDIA गठबंधन में भी सीट बंटवारे में कोई परेशानी नहीं होगी. कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी का कहना है कि जब नए साथी जुटते हैं तो पुराने साथी को समझौता करना पड़ता है. उन्होंने इशारों इशारों में कहा कि समझौता कांग्रेस को भी करना पड़ सकता है और उनके अन्य घटक दलों को भी सीट शेयरिंग के मामले में समझौता करना पड़ सकता है, लेकिन विपक्षी दलों का लक्ष्य है 2024 के चुनाव में बीजेपी को सत्ता से हटाना और मोदी जी को पूर्व प्रधानमंत्री आवास में शिफ्ट करवाना.
इतना आसान नहीं सीट शेयरिंग
NDA से मुकाबले के लिए विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी का दावा कर रहे हैं. विपक्षी दलों की दो बड़ी बैठक हो चुकी है और बहुत जल्द तीसरी बैठक होने वाली है. इसमें गठबंधन के संयोजक के नाम पर फैसला हो सकता है, लेकिन विपक्षी दलों के इस गठबंधन के सामने में अभी भी सबसे बड़ी चुनौती है कि एनडीए से मुकाबले के लिए किस तरीके से वह लोग आपस में सीट शेयरिंग करते हैं ताकि 2024 के चुनाव में बीजेपी को सत्ता से हटाया जा सके. राजनीतिक दल के नेता सीट शेयरिंग को लेकर भले ही जो दावे कर रहे हो, लेकिन हकीकत यही है कि यह इतना आसान नहीं है.
रिपोर्ट : आदित्य झा
HIGHLIGHTS
- JDU-RJD का एक मात्र लक्ष्य
- पुराने साथी को करना पड़ता था समझौता: कांग्रेस
- इतना आसान नहीं सीट शेयरिंग
Source : News State Bihar Jharkhand