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शिक्षा विभाग के इन फैसलों से बढ़ेगी ग्रामीण छात्राओं की परेशानी, जानिए

बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की बिगड़ती स्थिति को पटरी पर लाने के लिए शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है. इस संबंध में जारी नए नियमों के मुताबिक, अब पंचायतों के छात्र प्लस टू तक की शिक्षा अपने पंचायत में स्थित स्कूलों से ही प्राप्त करेंगे.

Updated on: 07 Apr 2024, 04:01 PM

highlights

  • शिक्षा विभाग फैसलों से बढ़ेगी ग्रामीण छात्राओं की परेशानी
  • अभिभावकों ने बताया नये नियम का मतलब
  • प्रखंड क्षेत्र में कुल 65 मिडिल स्कूल

Patna:

Bihar Hindi News: शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को लेकर बिहार सरकार ने प्रयासरत होकर एक नई पहल की शुरुआत की है. इस पहल के तहत, विद्यार्थियों को अपने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए अधिक उचित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए, पंचायतों के स्तर पर निर्धारित किए गए नए नियमों के अनुसार, अब गाँवों के बच्चे अपनी उच्च शिक्षा के लिए दूर के स्कूलों की ओर नहीं बल्कि पास के स्कूलों की ओर देखेंगे. यह नई पहल शिक्षा के क्षेत्र में समानता और पहुंच को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

इस पहल के तहत, शिक्षा विभाग द्वारा अनुमति दी जाएगी कि संबंधित विद्यालयों में नियुक्ति और उपस्करों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. इससे गाँव के छात्रों को शिक्षा के लिए उचित वातावरण मिल सकेगा. प्राय: इस तरह की पहल का सर्वाधिक लाभ उन छात्रों को मिलेगा जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं और पढ़ाई के लिए लंबी दूरियों को तय करने के लिए मजबूर होते हैं.

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अभिभावकों ने बताया नये नियम का मतलब

इस नई पहल का एक अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दूरदराज के गांवों में बच्चों को अधिक शैक्षिक अवसरों तक पहुंच प्राप्त हो. इसके अलावा यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता और स्तर को भी सुनिश्चित करेगी. हालांकि, इस पहल से शहर के नजदीक स्थित स्कूलों के छात्रों को होने वाली परेशानी को भी ध्यान में रखना जरूरी है. इस प्रकार की पहल से उन्हें भी शिक्षा हेतु उचित वातावरण का समान अवसर मिलना चाहिए.

आपको बता दें कि अविभावकों और समुदाय के सदस्यों के अनुसार, यह पहल विशेष रूप से गाँव के छात्रों के लिए एक बड़ी कदम है. वे पहले लंबी दूरियों की यात्रा करके शहरी स्कूलों में पढ़ने को मजबूर थे, जो उनकी शिक्षा में कठिनाईयों का कारण बनता था. अब उन्हें अपने गाँव के पास ही अच्छी शिक्षा की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी शिक्षा में सुधार होगा.

वहीं इस पहल के लाभों के अलावा, माध्यमिक स्तर पर इसकी संभावित चुनौतियों का भी समाधान किया जाना चाहिए. चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को आवश्यक संसाधन प्राप्त हों. इस प्रकार, बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में समानता और गुणवत्ता को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.