बिहार में अपराधी बेखौफ नजर आ रहे हैं. दरभंगा में रिटायर्ड चौकीदार को शराब माफिया का विरोध करना महंगा पड़ा. दरअसल, जब रिटायर्ड चौकीदार ने शराब माफिया का विरोध किया तो गोली मारकर उसे मौत की नींद सुला दी गई. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि कमतौल थाना क्षेत्र के माधोपट्टी गांव स्थित पेट्रोल पंप के पास शराब कारोबारी के द्वारा सुबह के तीन बजे शराब की खेत उतारी जा रही थी. जिसे देख पूर्व चौकीदार प्रमोद पासवान ने विरोध जताया. जिस पर दोनों में बहस होने लगी और शराब कारोबारी ने प्रमोद पासवान पर गोली चला दी. गोली चलने की आवाज सुनकर जब घायल प्रमोद पासवान का बेटा राहुल पासवान पहुंचा, तो शराब माफियाओं ने राहुल पासवान पर भी गोली चला दी, लेकिन वो बाल-बाल बच गया.
रिटायर्ड चौकीदार को उतारा मौत के घाट
घटना के बाद आनन-फानन में प्रमोद पासवान को दरभंगा मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से एक टेंपो सहित 30 कार्टून शराब को जब्त किया है. वहीं, पुलिस की मानें तो शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वहीं, कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है. अपराधी जो भी है, पुलिस उन्हें जल्द गिरफ्तार करेगी.
शराब माफियाओं का विरोध करना पड़ा महंगा
इस घटना के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्व चौकीदार प्रमोद पासवान कर्तव्य के प्रति निष्ठावान थे. सेवानिवृत्त के बाद एक पेट्रोल पंप पर नौकरी कर रहे थे. रविवार की अहले सुबह एक ऑटो से शराब की खेप को उतारता नहीं देख सके और शराब माफिया से भीड़ गए. नतीजा शराब माफिया ने उन्हें गोली मार दी और फरार हो गए. बता दें कि साल 2016 से बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन उसके बाद भी आए दिन शराब तस्करी की खबरें प्रदेश से सामने आती रहती है. छपरा शराबकांड के बाद से सरकार और प्रशासन काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. उत्पाद विभाग की टीम लगातार शराब माफियाओं को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है.
HIGHLIGHTS
- बेगूसराय में शराब माफियाओं का आतंक
- रिटायर्ड चौकीदार को उतारा मौत के घाट
- शराब माफियाओं का विरोध करना पड़ा महंगा
Source : News State Bihar Jharkhand