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तेजस्वी बोले, चिराग पासवान का हाल आडवाणी जैसा, न कोई इधर पूछ रहा और न उधर

मुख्यमंत्री के प्रवासी श्रमिकों के संकट से निपटने के तरीके से नाखुश लोक जनशक्ति के प्रमुख चिराग पासवान के नीतीश कुमार पर दिए बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है.

Updated on: 06 Jun 2020, 03:18 PM

पटना:

मुख्यमंत्री के प्रवासी श्रमिकों के संकट से निपटने के तरीके से नाखुश लोक जनशक्ति के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) के नीतीश कुमार पर दिए बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने इस बात को लगे हाथों ले लिया है और इशारों ही इशारों में चिराग पासवान को साथ आने का न्योता दे दिया है. तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने कहा कि चिराग पासवान की हालत जवानी के आडवाणी जैसी हो गई है. जिस तरह से आडवाणी जी को वरिष्ठ नेता होने के बावजूद तवज्जो नहीं दी जा रही है, वही हाल चिराग भाई का है. उनको न कोई इधर पूछ रहा है और न कोई उधर पूछ रहा है.

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गौरतलब है कि केंद्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी के नेता चिराग पासवान ने चुनावी साल की शुरुआत से ही अपने घटक दलों से अलग राह पकड़ रखी है. वो लगातार केंद्र और राज्य सरकार के कामों की आचोलना करते आ रहे हैं. अब नीतीश कुमार के प्रवासी मजदूरों के संकट से निपटने के तरीके से चिराग पासवान नाखुश हैं. उन्होंने शुक्रवार को नीतीश कुमार पर सीधा कटाक्ष किया. पासवान ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी चाहे नीतीश कुमार को राजग का चेहरा बनाए या किसी और राह पर चले, वह भगवा दल के साथ ही रहेंगे.

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बता दें कि बीजेपी ने बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से जदयू प्रमुख नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार करीब एक साल पहले ही घोषित किया था, लेकिन गठबंधन के कुछ नेताओं ने उनके नेतृत्व को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है. पासवान ने 'पीटीआई-भाषा' को इंटरव्यू में नेतृत्व में बदलाव के लिए सीधे-सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन यह जरुर कहा कि बीजेपी चाहे जिस ओर जाए, लोजपा उसके साथ रहेगी.

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लोजपा प्रमुख की टिप्पणी इस वक्त इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा 2019 मे नीतीश को राजग का चेहरा बनाने की घोषणा किए जाने के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव में राजग के नेतृत्व का मुद्दा हल हो गया था. राज्य में चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं. शाह ने लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में राजग सहयोगियों को साथ लाने के प्रयास के दौरान यह घोषणा की थी.

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