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Tejashwi Yadav ( Photo Credit : ani)
बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष का समापन समारोह और इस समारोह में मुख्य अतिथि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे. मगर कार्यक्रम के बाद चर्चा में सबसे ज्यादा लालू यादव के पुत्र और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हैं. दरअसल तेजस्वी यादव का भाषण के दौरान कई बार अटकना और गलत शब्दों का इस्तेमाल सुर्खियां बटोर रहा है. मंगलवार को बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच पर मौजूद थे. उन्हें भी चार मिनट के भाषण का अवसर दिया गया था, लेकिन जब तेजस्वी यादव की पारी आई तो वे लिखे हुए भाषण को भी पढ़ने में कई बार अटकते दिखे. कई शब्दों में वे फंसते भी दिखे.
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की. लेकिन उन्होंने आदमकद प्रतिमा को आमकद प्रतिमा कह दिया. भाषण के शुरुआत में भी तेजस्वी ने बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष की जगह बिहार विधान भवन कह डाला. हालांकि, बाद में तेजस्वी ने इसे ठीक किया. लेकिन भाषण के दौरान कई शब्दों में हो फंबल करते दिखे.
अब विहार के सियासी गलियारों में इसकी खूब चर्चा है,जद यू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने ट्वीट कर कहा कि पढ़ना लिखना चाहिए तो हम पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें.भाजपा कोटे से मंत्री आलोक झा ने कहा कि तेजस्वी यादव को तैयारी कर जे आना चाहिए था. इतने बड़े मंच पर बिना तैयारी के आ गए.
Source : Rajnish Sinha
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